कल भक्तों के लिए खुलेंगे बाबा केदारनाथ के कपाट, 108 क्विंटल फूलों से महकेगा धाम

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित केदारनाथ धाम में एक बार फिर श्रद्धा का सैलाब उमड़ने वाला है। भगवान शिव को समर्पित पवित्र केदारनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार सुबह सात बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

हर साल की तरह इस बार भी मंदिर खुलने की प्रक्रिया पारंपरिक रीति-रिवाजों और मंत्रोच्चारण के बीच सम्पन्न होगी।

उखीमठ से डोली यात्रा पहुंची धाम

बाबा केदार की चल विग्रह डोली, जो शीतकालीन प्रवास के दौरान उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान रहती है, अब गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ धाम पहुंच चुकी है। इस धार्मिक यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने जयकारों और भजनों के साथ बाबा के स्वागत में भक्ति भाव से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।

108 क्विंटल फूलों से सजा मंदिर परिसर

इस बार केदारनाथ मंदिर और उसके आस-पास के पूरे क्षेत्र को भव्य रूप से सजाया गया है। लगभग 108 क्विंटल फूलों का उपयोग मंदिर की सजावट में किया गया है, जिसमें गुलाब और गेंदे के साथ कुल 54 प्रकार के फूल शामिल हैं। यह जानकारी सजावट का नेतृत्व कर रहे वडोदरा के सृजल व्यास ने दी।

देश-विदेश से मंगाए गए फूल

इन फूलों को केवल भारत के दिल्ली, कश्मीर, पुणे, कोलकाता और पटना से ही नहीं, बल्कि नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे देशों से भी मंगवाया गया है। खास बात यह है कि कोलकाता के एक विशेष गांव से लाए गए गेंदे के फूल अपनी लंबी ताज़गी के लिए प्रसिद्ध हैं, जो औसतन 10 से 15 दिन तक मुरझाते नहीं हैं।

150 से अधिक स्वयंसेवकों ने की सजावट

मंदिर की सजावट में 150 से अधिक स्वयंसेवकों ने दिन-रात मेहनत की है। इस काम में पश्चिम बंगाल के 35 कलाकारों ने भी अपनी कला और समर्पण से योगदान दिया है। इस बार मंदिर के सामने स्थित नंदी की मूर्ति और आदि शंकराचार्य की प्रतिमा को भी फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है।

नदी संगम पर होगी भव्य आरती

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं को एक नई भक्ति अनुभूति मिलेगी। काशी और हरिद्वार की तर्ज पर अब केदारनाथ में भी मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम पर विशेष गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा।