स्वतंत्र समय, बहराइच
उत्तर प्रदेश के बहराइच ( Bahraich ) में दिनभर में हालात बेकाबू हो गए हैं। हजारों की भीड़ ने अस्पताल में आग लगा दी। कई शोरूम-दुकानों को फूंक दिया। भीड़ को देखकर पुलिस को पीछे हटना पड़ा। आसपास के 6 जिलों से फोर्स और पीएसी बुलाई गई है।
Bahraich में गोली लगने से राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई
उत्तर प्रदेश के बहराइच ( Bahraich ) में एसटीएफ चीफ और लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश को मैदान में उतरना पड़ा। आगजनी कर रही भीड़ को पहले रोका, नहीं मानी तो हाथ में पिस्टल लेकर खदेड़ दिया। हिंसा प्रभावित इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। हरदी इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान डीजे बजाने को लेकर दो समुदायों में विवाद हो गया और हिंसा भडक़ गई। पथराव-आगजनी के साथ 20 राउंड से ज्यादा फायरिंग हुई। गोली लगने से 22 साल के राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई। पुलिस ने अब्दुल हमीद, रिंकू , फहीम, राजा उर्फ साहिर खान, ननकऊ, मारुफ अली और 4 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। देर राम राम गोपाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में फोर्स मौजूद थी। सरकार ने 6 जिलों से पीएसी को बहराइच भेजा है। पूरा इलाका छावनी बन गया है।
5-6 हजार की भीड़ इकट्ठा हुई
पोस्टमॉर्टम के बाद सोमवार सुबह शव घर पहुंचा तो 5-6 हजार की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों ने शव को लेकर करीब 5 किमी तक यात्रा निकाली। पुलिस ने समझाया तो परिवार शव को घर ले गए, लेकिन लोग वहां से नहीं हटे। भीड़ ने आगजनी शुरू कर दी। बहराइच एसपी वृंदा शुक्ला ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि समुदाय से लोग आएं, बैठकर बात करें, तभी समाधान निकलेगा।
पुलिस व प्रशासन के अफसरों पर गिर सकती है गाज
बहराइच हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद उत्पन्न जनाक्रोश को जिला प्रशासन और पुलिस भांप नहीं सकी। पुलिस और प्रशासन के साथ खुफिया महकमे (एलआईयू) से हुई चूक के कारण ही मामला इतना बढ़ गया। शासन स्तर पर बहराइच में हुई हिंसा की प्रारंभिक समीक्षा में यही सामने आया है। इसके बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन और पुलिस के आला अफसरों को मौके के लिए रवाना किया। सूत्रों के मुताबिक मामला शांत होने के बाद बहराइच में पुलिस व प्रशासन के कुछ अन्य अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।