‘Ban Sujara’: अफसर ने सरकार को लगाया 28.46 करोड़ का चूना

सीताराम ठाकुर, भोपाल

बान सुजारा (Ban Sujara) वृहद सिंचाई परियोजना में नहरों के निर्माण के दौरान बनाई गई सडक़ों में ठेकेदार को स्वीकृत राशि से 28.46 करोड़ का अधिक भुगतान नियम विरुद्ध करने पर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री व्हीपी अहिरवार को सरकार ने आरोप पत्र थमा दिया है। अधिकारी ने ठेकेदार को इस राशि का भुगतान 4 से 5 वाउचरों के माध्यम से किया। जबकि पाइप आधारित नहर का निर्माण 8.96 करोड़ में किया जाना था। इससे सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

टीकमगढ़ जिले में Ban Sujara सिंचाई परियोजना

टीकमगढ़ जिले में स्थित बल्देवगढ़ में बान सुजारा ( Ban Sujara ) वृहद सिंचाई परियोजना के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का कार्य 20 जुलाई 2016 को टर्न की पद्वति के आधार पर मेसर्स लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड चेन्नई को 8.96 करोड़ में स्वीकृत किया गया था। जिसके तहत नहरों का निर्माण, एचटी लाइन और प्रधानमंत्री सडक़ पर निर्मित नहर का भुगतान ठेकेदार द्वारा न किया जाकर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री व्हीपी अहिरवार ने कर दिया। बताया जाता है कि योजना के निर्माण कार्य की अवधि के एचटी लाइन के विद्युत प्रभार के देयक का भुगतान 50 लाख 19 हजार का किया जाना था, लेकिन कार्यपालन यंत्री ने वाउचर क्रमांक-23 जरिए दो करोड़ 50 लाख का भुगतान सीधे पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर को कर दिया, जबकि इसका प्रावधान ठेकेदार की वित्तीय राशि में शामिल था और यह कार्य एजेंसी द्वारा किया जाना था।

ईई ने ये भी की गड़बड़ी

बान सुजारा वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का कार्य 75 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में भूमिगत पाइप नहर प्रणाली विकसित करने के लिए 8.96 करोड़ का ठेका मेसर्स एल एंड टी लिमिटेड चेन्नई को टर्न की पद्वति पर आवंटित किया गया था। अनुबंध के तहत कृषि योग्य 75 हजार हेक्टेया कमांड क्षेत्र में 5,929 हेक्टेयर कृषकों की निजी भूमि न होने के उपरांत भी दिनांक 15 जुलाई 2022 को भौतिक कार्य का पूर्णत: प्रमाण पत्र अनुबंधित दो वर्ष के संचालन एवं संधारण अवधि प्रारंभ करने के लिए जारी किया गया। इसके अलावा कार्य की अवधि नहीं बढ़ाने के बावजूद अधिकारी ने सक्षम स्तर से स्वीकृति लिए बिना ही कार्य के 117 एवं 118 बिलों का भुगतान प्रावधानों के विपरीत कर दिया।

जवाब किया तलब

इस मामले में जल ससाधन विभाग के अवर सचिव दिलीप नाथ गांधी के हस्ताक्षर से 5 मार्च 2024 को बान सुजारा वृहद परियोजना के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री व्हीपी अहिरवार को आरोप पत्र जारी करते हुए उन्हें अपना पक्ष रखने बुलाया है। यदि समयावधि में जवाब नहीं दिया तो डीई प्रारंभ करने सहित इस राशि की वसूली की जाएगी।

सरकार को ऐसे लगाया चूना

  • सूक्ष्म सिंचाई के लिए विकसित बी-1, बी-2, बी-3 और बी-4 में पाइप नहर प्रणाली के लिए लोक निर्माण की सडक़ों पर निर्मित 110 नग रोड क्रासिंग के ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत प्रतिपूर्ति देयक राशि 7 करोड़ 80 लाख 81 हजार में से 5 करोड़ 36 लाख 94 हजार रुपए का भुगतान वाउचर क्रमांक-32 के जरिए 25 सितंबर 2021 द्वारा किया गया।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना की सडक़ों पर निर्मित 331 नग रोड क्रासिंग के ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत प्रतिपूर्ति देयक रुपए 8 करोड़ 24 लाख 52 हजार में से रुपए 5 करोड़, 52 लाख 54 हजार का भुगतान वाउचर क्रमांक 33 में 25 सितंबर 2021 के माध्यम से किया गया।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्ग पर निर्मित रोड क्रासिंग का भौतिक सत्यापन और आकलन न करते हुए ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत 87 नग रोड क्रासिंग के लिए प्रतिपूर्ति देयक राशि रुपए 20 करोड़ 47 लाख 19 हजार में से 14 करोड़ 56 लाख 28 हजार का भुगतान कार्यपालन यंत्री ने वाउचर क्रमांक-35 के माध्यम से एक ही तारीख 25 सितंबर 2021 को किया। इस तरह एक ही तारीख में सारे भुगतान ठेकेदार को किए गए। जिससे सरकार को 28.46 करोड़ का नुकसान हुआ।