एजेंसी, ढाका
बांग्लादेश में 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ( Sheikh Hasina ) ने सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया। हिंसक माहौल के चलते शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। वे सेना के विमान से रवाना हुईं। खबरों के मुताबिक उनकी बहन रेहाना भी साथ हैं। वे बंगाल के रास्ते दिल्ली पहुंच गई हैं।
Sheikh Hasina लंदन, फिनलैंड या दूसरे देश जा सकती हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शेख हसीना ( Sheikh Hasina ) का विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतर गया है। उसके बाद वे लंदन, फिनलैंड या दूसरे देश जा सकती हैं। बांग्लादेश की सेना ने प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट कर दिया है। वह पद छोडऩे से पहले देशवासियों के नाम एक विदाई संदेश रिकॉर्ड करना चाहती थीं। मगर, स्थितियां ऐसी बदलीं कि उन्हें इसका मौका भी नहीं मिला। 2:30 मिनट पर सैन्य हेलिकॉप्टर के जरिए बहन शेख रेहाना के साथ हसीना सुरक्षित जगह के लिए रवाना हुईं। बताया जा रहा है कि वह भारत पहुंच चुकी हैं। हिंसाग्रस्त बांग्लादेश में हालात बदतर हो गए हैं।
सेना ने जमाया सरकार पर कब्जा
इसके बाद बांग्लादेश सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राष्ट्र को संबोधित किया। सेना प्रमुख ने बताया कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक सेना तैनात रहेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात से दुनिया में बांग्लादेश की बदनामी हुई है। हमने सभी पक्षों को बुलाया है। आंदोलनकारी संगठनों को भी बुलाया है। जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन होगा।
हिंसा में हो चुकी 300 लोगों की मौत
बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर पिछले महीने प्रदर्शन की शुरूआत हुई थी। देखते ही देखते छात्र संगठन हिंसक हो गए। बांग्लादेश सरकार ने 1971 मुक्ति संग्राम में शामिल होने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का आदेश था। यह मुद्दा हाई कोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट गया। जुलाई के आखिरी में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रद कर दिया। इसके बाद भी प्रदर्शन नहीं थमे। रविवार को भडक़ी ताजा हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत हुई थी। भीड़ ने कई पुलिसकर्मियों को गोली मार दी थी। इस हिंसा में अब तक कुल 300 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हैं।