Basant Panchami Amrit Snan: वसंत पंचमी के अवसर पर प्रयागराज में जारी महाकुंभ में आज तीसरा अमृत स्नान हो रहा है। इस पावन अवसर पर संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ के बाद प्रशासन ने इस बार सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। संगम क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, साथ ही यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष मार्गनिर्देशन व्यवस्था लागू की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्थायी चिकित्सा शिविर, जल आपूर्ति और सफाई व्यवस्था को भी बेहतर किया गया है। प्रशासन का दावा है कि इस बार स्नान पर्व को पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराया जाएगा।
वसंत पंचमी के अवसर पर प्रयागराज में जारी महाकुंभ में आज तीसरा अमृत स्नान संपन्न हुआ। स्नान की शुरुआत में अखाड़ों ने बारी-बारी से पवित्र संगम में डुबकी लगाई। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने भी स्नान कर पुण्य अर्जित किया। मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ के बाद इस बार प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे, जिनकी संतों और श्रद्धालुओं ने सराहना की। स्नान के बाद संतों ने व्यवस्था को लेकर संतोष व्यक्त किया। एक नागा साधु ने कहा, “आज की व्यवस्थाएं पिछले दो अमृत स्नानों से बेहतर थीं। यह स्नान हम संतों के लिए सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण स्नान था।” प्रशासन ने भी संतों और श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया और महाकुंभ के अगले आयोजनों को और अधिक सुचारू बनाने का आश्वासन दिया।
वसंत पंचमी के अवसर पर प्रयागराज में जारी महाकुंभ में आज तीसरा अमृत स्नान संपन्न हुआ। अखाड़ों ने पारंपरिक रूप से बारी-बारी से संगम में डुबकी लगाई, जिसके बाद श्रद्धालुओं का स्नान शुरू हुआ। इस दौरान संतों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना की। किन्नर अखाड़ा की आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा, “हम सभी इस शुभ दिन पर बहुत खुश हैं। किन्नर अखाड़ा हमेशा से एकजुट था और हम एकजुट रहेंगे।” उन्होंने महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा की भागीदारी को ऐतिहासिक बताते हुए इसे समाज में समावेशिता और समानता का प्रतीक बताया। अमृत स्नान के दौरान श्रद्धालुओं ने संतों का आशीर्वाद लिया और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया।
वसंत पंचमी के अवसर पर प्रयागराज में जारी महाकुंभ में आज तीसरा अमृत स्नान संपन्न हुआ। अखाड़ों ने पारंपरिक रूप से बारी-बारी से संगम में डुबकी लगाई, जिसके बाद श्रद्धालुओं का स्नान शुरू हुआ। इस दौरान संतों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना की। किन्नर अखाड़ा की आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा, “हम सभी इस शुभ दिन पर बहुत खुश हैं। किन्नर अखाड़ा हमेशा से एकजुट था और हम एकजुट रहेंगे।”
सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। हेलीकॉप्टर से लगातार भीड़ पर नजर रखी जा रही है, साथ ही श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए पुष्प वर्षा भी की जा रही है। करोड़ों की संख्या में आम श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं, जिससे संगम तट पूरी तरह भक्तिमय माहौल में डूबा नजर आ रहा है। श्रद्धालुओं ने संतों का आशीर्वाद लिया और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेकर पुण्य अर्जित किया।