basement में चल रही कोचिंग और लाइब्रेरी सील, 4 पर रिमूवल और एफआईआर

स्वतंत्र समय, इंदौर

देश की राजधानी दिल्ली में बेसमेंट ( basement ) में चल रही लाइब्रेरी में पानी भरने से वहां मौजूद तीन छात्राओं की मौत हो गई। ये हालत केवल दिल्ली भर के नहीं हैं। मध्यप्रदेश के इदौर में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। हालत ये है कि शहर की कई इमारतों के बेसमेंट में दुकानें, लाइब्रेरी, कोचिंग और रेस्टोरेंट चल रहे हैं, जबकि नियम अनुसार बेसमेंट में केवल पार्किंग और गोडाउन ही बनाया जा सकते हैं। शहर के करीब 30 प्रतिशत बेसमेंट में लाइब्रेरी, कोचिंग और अन्य दुकानें संचालित हो रही है।

basement में चल रहे 15 कोचिंग संस्थानों पर FIR के निर्देश

बुधवार को जिला प्रशासन और नगर निगम की टीमों ने भंवरकुआ क्षेत्र में स्थित कोचिंग संस्थानों लाइब्रेरी की जांच की। इस दौरान बेसमेंट ( basement ) में लाइब्रेरी मिलने पर प्रशासन ने उसे सील कर दिया। इस मामले में बेसमेंट में संचालित 15 कोचिंग और लाइब्रेरी सील, 4 पर रिमूवल और एफआईआर के निर्देश कलेक्टर ने दिए है। दिल्ली की घटना के बाद से ही मप्र सरकार ने इस और कदम उठाते हुए सभी दूर बेंसमेट में कोचिंग क्लासेस की जांच करने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस निर्देश के बाद पूरे प्रदेश में जांच शुरु हो गई है। जानकारी के मुताबिक के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 2800 कोचिंग संस्थान है, जिसमें से 120 बड़ी और 800 मिडियम कोचिंग है। बाकी छोटे स्तर की कोचिंग संचालित हो रही है। इन कोचिंग संस्थानों में लगभग दो लाख स्टूडेंट पढ़ रहे है। अधिकारियों ने बताया की 2800 कोचिंग संस्थानों की जांच की जा रही है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है की कितनी संस्थान बेसमेंंट में चल रही है। विगत दो दिनों में कुछ संस्थाएं ऐसी मिली जो बेसमेंट में संचालित हो रही है।

टीम ने भंवरकुआं क्षेत्र में बोला धावा

कोचिंग संस्थानों को सबक सिखाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम भंवरकुआ क्षेत्र में अलग-अलग कार्रवाई करने के लिए सडक़ पर निकली। प्रशासन की टीम ने विभिन्न स्थानों पर नियम के विरुद्ध चल रही कोचिंग क्लासेस जहां पर की अव्यवस्था के कारण कभी भी कोई हादसा हो सकता है उस पर कार्रवाई करने की पहल की। इस जांच के दौरान यह देखा गया की कोचिंग क्लास में विद्यार्थियों के जाने और आने के लिए अलग- अलग रास्ता है अथवा नहीं। इसके साथ ही यह भी देखा गया कि कहीं कोचिंग क्लास के ताल घर में व्यवस्थाएं ऐसी तो नहीं है कि दिल्ली जैसा हादसा इंदौर में भी हो जाए। कलेक्टर आशीष सिँह के निर्देश पर प्रशासन ने बेसमेंट में संचालित 15 कोचिंग और लाइब्रेरी सील,4 पर रिमूवल और एफआईआर के निर्देश दिए है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन की टीम के द्वारा 5 स्थानों पर कोचिंग क्लास के भवन को सील कर दिया गया। निगम की ओर से कहीं भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

कल्पवृक्ष कोचिंग क्लास बेसमेंट में लगती हुई पाई गई

नगर निगम के नेहरू स्टेडियम जोनल कार्यालय के भवन अधिकारी गीतेश तिवारी अपनी टीम के साथ गीता भवन चौराहा के समीप साउथ तुकोगंज में स्थित कल्पवृक्ष कोचिंग क्लास पर जांच के लिए पहुंचे। जब निगम की टीम जांच के लिए पहुंची तो वहां पर बेसमेंट में ही कोचिंग क्लासेस लगती हुई पाई गई। विद्यार्थियों के आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्ता भी नहीं था। इस कोचिंग संस्थान में आग से बचाव के उपकरण भी लगे हुए नहीं थे। ऐसी स्थिति में कार्रवाई करने के बजाय नगर निगम की टीम के द्वारा कोचिग क्लास के संचालकों को चेतावनी देने का काम किया गया। निगम ने यह चेतावनी दी है कि अगले 4 दिन के अंदर व्यवस्था में सुधार कर लें। यह चेतावनी देकर निगम की टीम बैरंग लौटकर वापस आ गई। इस बारे में निगम के अधिकारियों का कहना था की कोचिंग क्लास के संचालक ने यह आश्वासन दिया है कि अगले चार दिन में आग से बचाव के उपकरण लग जाएंगे। तलघर में लगने वाली शिक्षा की क्लासेस के बारे में निगम की टीम ने चुप्पी साध ली। इस कोचिंग क्लास में विद्यार्थियों के समक्ष मौजूद खतरे जैसी स्थिति को भी नजरअंदाज कर दिया।

खामियां मिलने पर अनेक कोचिंग संस्थानों को किया सील

अनुविभागीय अधिकारी जूनी इंदौर घनश्याम धनगर के नेतृत्व में राजस्व ,पुलिस तथा नगर निगम इंदौर के संयुक्त दल द्वारा भँवरकुआ स्थित विभिन्न कोचिंग संस्थानों एवं लाइब्रेरी का निरीक्षण किया गया। जिसमें माँ शारदा लाइब्रेरी, ज्ञान पंख लाइब्रेरी, अभ्यास लाइब्रेरी बेसमेंट में संचालित होना पाये गये। जिनमें आने-जाने का एक ही रास्ता था। स्कॉलर्स कैरिअर अकादमी का क्लास रूम बेसमेंट में संचालित होना पाया गया, जिन्हें मौके पर सील किया गया। निरीक्षण के दौरान विवेकानंद इंस्टीट्यूट कोचिंग संस्थान तथा स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी हाउस, ड्रीम अचीवर्स लाइब्रेरी और ज्ञानोदय लाइब्रेरी लोहे की एंगल व प्लाई की छत के ऊपर बिना अनुमति के संचालित होना पाये गये। जिन्हें जन सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मौके पर सील किया गया। उक्त कोचिंग क्लासेस, लाइब्रेरी के संचालकों के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्यवाही

भंवरकुआं क्षेत्र के लोगों से जब बेसमेंट में कोचिंग संस्थानों के बारे में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया की बहुमंजिला भवन में पार्किंग अनिवार्य है। बेसमेंट में पार्किंग, गोडाउन और गार्ड का कमरा ही बनाया जा सकता है। जबकि जिम्मेदार इसे नजरअंदाज कर रहे है। इसका खामियाजा किसी भी दिन आम जनता को भुगतना पड़ सकता है। नगरीय क्षेत्र के करीब मुख्य बाजार मेन रोड पर अवैध तरीके से बेसमेंट एवं तीन मंजिला मकानों का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। नगरीय प्रशासन को इन अवैध निर्माण की जानकारी है, लेकिन शिकायत के बाद भी अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। नगरीय क्षेत्र में इस समय एक सैकड़ों से अधिक जगहों पर अवैध बेसमेंट व मकानों का निर्माण कार्य चल रहा है. कई कई जगह किया जा चुका है जो कि 8 से 10 फाँट तक गहरे बेसमेंटों का निर्माण अवैध रूप से किया जा रहा है। ज्यादातर ऐसे बेसमेंटों का उपयोग व्यवासियक गतिविधियों के लिए किया जाता है। ऐसे निर्माण करने वाले नगरीय प्रशासन से अनुमति नहीं लेते।

अधिकांश बेसमेंट अवैध बने हुए हैं

लोगों ने यह भी बताया की यहां स्थिति यह है कि अभी तक जितने भी बेसमेंट बने हुए हैं, उनमें से अधिकांश बिना अनुमति के बनी है। इसकी जांच प्रशासन को करवानी चाहिए। लोगों ने बताया की अवैध रूप से निर्माण कराए गए यह तलघर लोग अपने फायदे के लिए बनाते हैं और इनको व्यवसायिक उपयोग कर रहे हैं। शासन की ओर से बेसमेंट के निर्माण पर रोक लगाई गई है, सिर्फ पार्किंग व्यवस्था के लिए ही की परमिशन दी जाती है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही और उदासीनता का नतीजा है कि लोग व्यवसायिक उपयोग के लिए बेसमेंट का निर्माण करा रहे हैं। लोगों का कहना है की प्रशासनिक अफसरों को इस संबंध में ध्यान देने की आवश्यकता है।