इंदौर के एक गांव में पिता के इलाज का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए डाला दबाव। खुड़ैल इलाके के एक युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई की.’मैं इंदौर के पास स्थित दूधिया गांव का रहने वाला हूं। मेरे पिता कुछ दिन से डिप्रेशन में हैं। यह बात क्रिस नार्मन बेबर्ता को पता चली जो अक्सर हमरे गांव में आता जाता था । उसने मेरे पिता से संपर्क किया और उन्हें मुफ्त में इलाज कराने की बात कही। इसके बाद वह हर दिन मेरे घर आकर प्रार्थना कराने लगा। हर रोज की तरह वह 5 मार्च रविवार को मेरे घर आया। तब मेरी उससे बात हुई।
क्रिस नार्मन ने मुझसे कहा कि तुम्हारे भगवान में कोई शक्ति नहीं है। तुम ईसाई धर्म अपना लो। साथ ही उसने 2 लाख रुपए देने का भी लालच दिया। कहा कि पिता को गुजरात के बड़ौदा के एक अच्छे अस्पताल में इलाज करा देंगे,और आपके परिवार के सभी बच्चों को फ्री शिक्षा देंगे ,साथ ही तुम्हारी भी अच्छी जगह नौकरी लगवा देंगे। मैंने उसी समय इन सबसे इंकार कर दिया। मैंने कहा कि मैं अपने पिता का इलाज करा लूंगा। उसके लिए मुझे हिंदू धर्म छोड़ ईसाई धर्म अपना की कोई जरुरत नहीं है। मेरी यहाँ बात कहने पर वह गुस्सा हो गया. और उसने कहा कि जब तक तुम हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म नहीं अपनाओगे तक तुम्हारे पिता इसी तरह दर्द में रहेंगे। यदि तुम ईसाई धर्म अपना लोगे तो तुम्हरे पिता को गॉड पूरी तरह से ठीक कर देगा। और उसके बाद तुम्हारे घर की स्थिति ठीक हो जाएगी। अब तुम गॉड की शरण में आ जाओ। नहीं ताे हिंदू धर्म में रहकर तुम पूरी तरह से बर्बाद हो जाओगे।
यह सब होने के बाद भी मैंने उसके प्रस्ताव से मना कर दिया। और इस बात ओर मेरी उससे बहुत बहस हो गई। अब मुझे इस बात का डर है कि क्रिस नार्मन मुझे या मेरे परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है।’युवक ने यहाँ पूरी घटना अपने दोस्त को बताई।इसके बाद हमने हिंदूवादी संगठन से जुडे़ प्रीतम गुर्जर व अन्य लोगों से संपर्क किया। सभी सोमवार रात खुडै़ल थाने पहुंचे।
यहां फादर क्रिस नार्मन के खिलाफ केस दर्ज की याचिका दी। पुलिस ने इस मामले में पहले लिखित शिकायत ली। अफसरों को जानकारी देने के बाद माउंटबर्ग टाउनशिप बायपास तेजाजी नगर के रहने वाले क्रिस नार्मन के खिलाफ केस दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है। पलिस को दूधिया गांव के लोगों ने बताया कि क्रिस नार्मन के साथ कुछ महिलाएं भी रहती हैं। जो लगभग 6 महीने से आसपास के इलाकों में आ-जा रही हैं। ईसाई धर्म की पुस्तकें बांटने के साथ घर-घर जाकर प्रार्थना सभा भी रख रहे हैं। वह लोगों को मंदिर के बदले चर्च जाने की सलाह भी देते है.