सिंहस्थ से पहले उज्जैन बनेगा इलेक्ट्रिक ट्रांजिट का राष्ट्रीय आइकन, महाकाल की नगरी में बनेगा ग्रीन ट्रैक

सिंहस्थ से पहले उज्जैन में एक बड़ा कार्य शुरू हो गया है। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को महाकाल की नगरी में घुमने के लिए आरामदायक सफर मुहैया कराए जाने की तैयारी की जा रही है। अब देश की धार्मिक राजधानी मानी जाने वाली महाकाल नगरी उज्जैन अब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी नया इतिहास रचने जा रही है। जल्द ही यह शहर इलेक्ट्रिक ट्रांजिट का राष्ट्रीय मॉडल बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है। उज्जैन नगर निगम ने मुंबई की ग्रीनसेल मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को 100 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए प्रतिबद्धता पत्र (एलओयू) जारी कर दिया है। इससे न केवल शहर को प्रदूषण मुक्त और आरामदायक परिवहन मिलेगा, बल्कि पर्यटन और रोजगार को भी नई रफ्तार मिलेगी।

आधुनिक चार्जिंग हब की स्थापना

इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत मक्सी रोड पर परिवहन निगम की पांच एकड़ जमीन पर आधुनिक चार्जिंग हब की स्थापना की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने 12 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर दी है, जिसकी प्रशासकीय मंजूरी भी जारी हो चुकी है। शहर के महापौर और यूसीटीएसएल के चेयरमैन मुकेश टटवाल ने इस ऐतिहासिक निर्णय पर दस्तखत करते हुए कहा कि उज्जैन को स्मार्ट सिटी से आगे बढ़ाकर अब ग्रीन सिटी में बदलने का सपना साकार होने जा रहा है। जैसे ही कंपनी की औपचारिक सहमति मिलती है, चार्जिंग हब निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यह परियोजना न केवल उज्जैन को देश के अन्य शहरों के लिए रोल मॉडल बनाएगी, बल्कि हर उस शहर को प्रेरित करेगी जो स्वच्छ और टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ना चाहता है। महाकाल की नगरी अब सिर्फ आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि हरित क्रांति की भी प्रतीक बनने को तैयार है।