बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गर्मी अपने चरम पर है। चुनाव प्रचार पूरे जोर-शोर से चल रहा है, बड़े नेता मैदान में उतर चुके हैं, मतदाताओं को रिझाने की हर कोशिश जारी है। लेकिन महागठबंधन के भीतर तालमेल की खिचड़ी अभी तक ठीक से नहीं पक पाई है। सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन के घटक दलों में आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। इसका नतीजा यह है कि 13 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के दल आपस में ही आमने-सामने हैं।
चुनाव में जहां एक तरफ महागठबंधन बीजेपी के खिलाफ एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसके अपने ही घटक दल एक-दूसरे को मात देने के लिए चुनावी रण में कूद पड़े हैं। कई सीटों पर सीपीआई और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, तो कुछ सीटों पर राजद और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) भी पीछे नहीं है, उसने न सिर्फ राजद के सामने बल्कि सीपीआई के सामने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
कहां-कहां हो रही है ‘महागठबंधन’ की भिड़ंत?
राज्य की करगहर, बिहार शरीफ, राजापाकड़, बछवाड़ा, कहलगांव, सिकंदरा, वारिसलीगंज, वैशाली, नरकटियागंज, गौरा बौराम, चैनपुर, झंझारपुर और बाबूबरही जैसी सीटों पर गठबंधन के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
- राजद vs कांग्रेस: कहलगांव, सिकंदरा, वारिसलीगंज, वैशाली और नरकटियागंज
- सीपीआई vs कांग्रेस: करगहर, बिहार शरीफ, राजापाकड़, बछवाड़ा
- राजद vs वीआईपी: गौरा बौराम, चैनपुर, बाबूबरही
- वीआईपी vs सीपीआई: झंझारपुर
संगठन और स्थानीय दबाव में उलझा तालमेल
वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव कुमार की मानें तो इस तरह की टकराहट का कारण पार्टियों के अंदरूनी दबाव हैं। कई दल पहले से सभी सीटों पर चुनाव लड़ते रहे हैं, ऐसे में उन्हें सीट छोड़ने में मुश्किल होती है। स्थानीय कार्यकर्ताओं का दबाव और संगठन को मजबूत बनाए रखने की मजबूरी, पार्टियों को ‘फ्रेंडली फाइट’ की राह पर ले जाती है। सभी दल अधिक से अधिक सीटों पर दावेदारी करना चाहते हैं, जिससे गठबंधन का मूल उद्देश्य कमजोर हो जाता है।
महागठबंधन की इस आपसी खींचतान का सीधा असर उसके चुनावी प्रदर्शन पर पड़ सकता है। जब सहयोगी दल ही एक-दूसरे को चुनौती देंगे, तो मतदाता भी भ्रमित होंगे और इसका सीधा फायदा एनडीए या अन्य विरोधी दलों को मिल सकता है। ऐसे में जरूरत है कि महागठबंधन जल्द से जल्द अपने अंतर्विरोधों को सुलझाए और स्पष्ट रणनीति के साथ मैदान में उतरे।