पंचायत चुनाव : पंचायतीराज विभाग ने 21 मई को शासनादेश जारी करके त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर नगर निकायों के सृजन एवं सीमा विस्तार पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के वार्डों के परिसीमन के लिए विस्तृत कार्यक्रम भी जारी कर दिया है, जो 18 जुलाई से चल रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी 11 जुलाई को मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया।
नगर विकास विभाग ने 21 मई के आदेश रद्द करने का अनुरोध किया, फैसले का इंतजार
97 नए नगर निकाय बनाने और 107 नगरों की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव अभी फैसला होने बाकी हैं। इसलिए नगर विकास विभाग ने पंचायतीराज विभाग से 21 मई के आदेश को रद्द करने को कहा था। लेकिन अभी तक सरकार ने इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं दिया है। पहले जारी योजना के अनुसार, इलाके के सीमाएं तय करने और मतदाता सूची को बदलने का काम चल रहा है। इन सब के बीच निर्णय का इंतजार किया जा रहा है ताकि चुनाव प्रक्रिया सही तरीके से पूरी हो सके।
नगरीय विस्तार पर निर्णय के बाद चुनाव संबंधी प्रक्रिया पूरी होगी: मुख्य सचिव
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पहले नगरीय क्षेत्रों के विस्तार के प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही चुनाव से जुड़ी सारी प्रक्रियाएं पूरी होंगी। इसका मतलब है कि चुनाव से पहले नगरीय सीमाओं को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलनी जरूरी है। इससे चुनाव की तैयारी में मदद मिलेगी। फिलहाल, चुनाव की प्रक्रिया विस्तार के प्रस्तावों के बाद पूरी होगी। इससे चुनाव में कोई दिक्कत नहीं आएगी और सही तरीके से काम होगा। यह साफ हो गया है कि नगरीय विस्तार के बिना चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी।