Tirupati Temple Darshan New Year 2026 : नए साल की शुरुआत अगर भगवान के दर्शन से हो, तो पूरा वर्ष शुभ और मंगलमय माना जाता है। इसी आस्था के कारण हर साल नए साल के मौके पर आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में लाखों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान यहां भारी भीड़ रहती है, इसलिए यदि आप भी तिरुपति यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो पहले से जरूरी जानकारी जानना बेहद जरूरी है।
तिरुपति मंदिर में किस देवता की होती है पूजा
तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की जाती है, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। भक्त उन्हें अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। ‘वेंकटेश्वर’ का अर्थ है पापों का नाश करने वाले भगवान। उत्तर भारत में वे ‘बालाजी’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा उन्हें ‘सप्तगिरीश्वर’ यानी सात पहाड़ियों के स्वामी, ‘श्रीनिवास’ और ‘गोविंदा’ भी कहा जाता है, जो भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय नाम हैं।
तिरुपति कैसे पहुंचें?
- तिरुपति देश के लगभग सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
- हवाई मार्ग से आने वाले श्रद्धालु रेनिगुंटा हवाई अड्डे का उपयोग कर सकते हैं, जो मंदिर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है।
- रेल मार्ग से यात्रा करने वालों के लिए तिरुपति रेलवे स्टेशन प्रमुख है, वहीं रेणिगुंटा जंक्शन भी एक महत्वपूर्ण स्टेशन है।
- सड़क मार्ग से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के कई शहरों से नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। तिरुपति से तिरुमाला पहाड़ी तक जाने के लिए सरकारी बसें और टैक्सी चौबीसों घंटे मिल जाती हैं।
दर्शन का समय और विशेष नियम
नए साल पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) विशेष इंतजाम करता है। आमतौर पर मंदिर सुबह करीब 2:30 बजे सुप्रभातम सेवा के साथ खुलता है।
सर्व दर्शन यानी फ्री दर्शन में सामान्य दिनों में 18 से 24 घंटे का समय लग सकता है, जबकि नए साल जैसी भीड़ में यह समय 36 से 40 घंटे तक भी पहुंच सकता है। इसके लिए SSD टोकन ऑफलाइन काउंटर से लिए जाते हैं। हालांकि नए साल की भीड़ को देखते हुए फिलहाल टीटीडी ने ऑफलाइन दर्शन टिकटों के वितरण पर अस्थायी रोक लगाई है और श्रद्धालुओं से योजना बनाते समय सतर्क रहने की अपील की है।
ड्रेस कोड का रखें विशेष ध्यान
तिरुपति मंदिर में प्रवेश के लिए सख्त ड्रेस कोड लागू है। पुरुषों को धोती-कुर्ता या अंगवस्त्रम पहनना जरूरी होता है, जबकि महिलाओं के लिए साड़ी या दुपट्टे के साथ सूट/चूड़ीदार अनिवार्य है। यदि श्रद्धालु उपयुक्त वस्त्र साथ नहीं लाए हैं, तो तिरुमाला पहाड़ी और तिरुपति शहर में कई दुकानें उपलब्ध हैं, जहां से धोती या दुपट्टा आसानी से खरीदा जा सकता है।
VIP और स्पेशल दर्शन की व्यवस्था
नए साल जैसे खास मौकों पर VIP दर्शन और विशेष प्रवेश दर्शन के नियमों में बदलाव हो सकता है। स्पेशल एंट्री दर्शन के टिकट कम से कम 2–3 महीने पहले टीटीडी की आधिकारिक वेबसाइट से बुक कराने होते हैं। इसमें आमतौर पर 2 से 5 घंटे के भीतर दर्शन हो जाते हैं।
इसके अलावा नए साल के दौरान वैकुंठ द्वार दर्शन का विशेष महत्व होता है। दिसंबर के अंत से जनवरी के पहले सप्ताह तक वैकुंठ द्वार खोले जाते हैं, जिन्हें अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके लिए भी पहले से स्लॉट बुक कराना आवश्यक होता है।