उज्जैन, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक और धार्मिक शहर है, जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी आध्यात्मिक पहचान के लिए जाना जाता है. यहां का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर उज्जैन की आत्मा माना जाता है. यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यहां की भस्म आरती इतनी प्रसिद्ध है कि सुबह-सुबह दूर-दूर से लोग सिर्फ उसे देखने आते हैं. मंदिर का वातावरण इतना अलौकिक होता है कि व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करता है. मंदिर परिसर में स्टाफ लगातार भक्तों की मदद में जुटा रहता है, जिससे दर्शन आसान और व्यवस्थित हो पाते हैं.
ये है उज्जैन घूमने का सबसे बेस्ट प्लेस
अगर आप उज्जैन की संस्कृति और आध्यात्मिकता को गहराई से समझना चाहते हैं, तो काल भैरव मंदिर, रामघाट, शिप्रा नदी, और संदीपनि आश्रम जैसी जगहों को जरूर देखें. काल भैरव मंदिर में शराब का चढ़ावा एक रहस्यमयी परंपरा है, जो श्रद्धा और चमत्कार का अद्भुत उदाहरण है. वहीं शिप्रा नदी के किनारे बना रामघाट बहुत ही शांत जगह है, जहां बैठकर आप नदी की लहरों और आरती की गूंज में खुद को खो सकते हैं. स्टाफ यहां घाट की सफाई और श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर पूरा ध्यान देता है. संदीपनि आश्रम वह स्थान है जहां श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा ने शिक्षा ली थी. यह जगह आज भी साधना और ज्ञान का केंद्र मानी जाती है.
अगर नहीं गए तो समझो बहुत कुछ मिस कर दिया!
उज्जैन का जंतर मंतर (वेधशाला) भी एक बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, जिसे सम्राट जय सिंह ने बनवाया था. यहां आप प्राचीन भारत की खगोल विद्या और वैज्ञानिक सोच को साक्षात देख सकते हैं. उज्जैन शहर का हर कोना किसी न किसी पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है. यहां का प्रशासन और पर्यटन विभाग यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के लिए लगातार मेहनत करता है. अगर आप यहां नहीं गए, तो समझिए आपने इतिहास, संस्कृति, आध्यात्म और प्रकृति. चारों का संगम एक ही जगह पर देखने का मौका मिस कर दिया. उज्जैन सिर्फ एक शहर नहीं, यह एक अनुभव है जिसे जीवन में एक बार जरूर जीना चाहिए.