Mahakal में भस्मारतीः गुलाल में कपूर मिलाना महंगा पड़ा

स्वतंत्र समय, उज्जैन

धुलेंडी के दिन महाकाल (Mahakal) दरबार में भस्मारती के दौरान जो गुलाल उड़ाया गया उसमें कपूर पीसकर डाल दिया गया था, इस कारण आग लग गई। कपूर वाले गुलाल को जब दीपक की तरफ उड़ाया गया तब आग फैल गई। देखते ही देखते पुजारी समेत 14 लोग आग की चपेट में आ गए। शुरुआती इलाज उज्जैन अस्पताल में कराने के बाद इंदौर के अरविंदो और बाम्बे हास्पीटल में कुछ घायलों को इलाज के लिए लाना पड़ा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी पहले इंदौर में घायल लोगों से मिले, उसके बाद उज्जैन भी गए। गुलाल उड़ाने के दौरान दीपक भी गिर गया था। खुशबू के चक्कर में कपूर में गुलाल मिक्स कर दिया गया। इस मामले में सीधे तौर पर पुजारी जिम्मेदार हैं जिन्होंने गुलाल, कपूर आरती के समय उड़ा दिया। अब जांच शुरू हो गई है। महाकाल मंदिर के पुजारियों की मनमानी की खबरें लम्बे समय से चल रही हैं लेकिन दिक्कत यह है कि उन पर कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। आस्था की आड़ में पुजारी मनमाने तरीके से अफसरों पर दवाब बनाकर गलत काम करते रहते हैं।

होली की सुबह Mahakal के गर्भगृह में भभक गई आग

25 मार्च होली की सुबह महाकाल (Mahakal) मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती की जा रही थी। उस दौरान हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। भक्त भगवान महाकाल के साथ होली खेल रहे थे। तभी आरती के दौरान सुबह 5.49 बजे अचानक आग भभक गई, जिससे मंदिर के पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए।

इंदौर में भर्ती 13 घायलों की हालत में सुधार

मंदिर में सोमवार को हुए हादसे में घायल 13 लोग इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती हैं। सभी की हालत में सुधार है। श्री अरविंदो के डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि विशेषज्ञों की देखरेख में सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बाकी एक घायल को उज्जैन में जिला अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

रंगपंचमी पर महाकाल मंदिर में रंग-गुलाल बैन

उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में रंगपंचमी यानी 29 मार्च को रंग और गुलाल ले जाने पर बैन लगा दिया गया है। प्रशासन ने यह फैसला होली पर गर्भगृह में आग लगने की घटना के बाद लिया है। इसके लिए मंगलवार को गाइडलाइन भी जारी की गई। कलेक्टर ने कहा- सुप्रीम कोर्ट से जारी गाइडलाइन के अनुसार ही पर्व मनाया जाएगा। इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा- महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति उत्सव के लिए टेसू (पलाश) के फूलों से बने हर्बल रंग उपलब्ध कराएगी।

रंगपंचमी पर केवल पंडे-पुजारी खेलेंगे प्रतीकात्मक होली

कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा- पुजारी-पुरोहित को भी गर्भगृह में रंगपंचमी पर प्रतीकात्मक रूप से होली खेलने की अनुमति होगी। परंपरा के अतिरिक्त ऐसी सामग्री का उपयोग नहीं किया जाएगा, जिससे नुकसान हो। रंगपंचमी के दौरान भस्म आरती में भक्तों की संख्या को भी नियंत्रित किया जाएगा। जो भी मंदिर के नियम तोड़ेगा, उन पर कार्रवाई की जाएगी।

महाकाल में घटना की मजिस्ट्रियल जांच शुरू

महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान गुलाल उड़ाते वक्त अचानक आग के मामले में मुख्यमंत्री के आदेश के बाद दो सदस्यीय जांच दल ने घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। जांच समिति को यह रिपोर्ट तीन दिन में प्रस्तुत करना है। रिपोर्ट आने के बाद ही सही स्थिति का खुलासा होगा। नंदीहॉल और गर्भगृह के लिए कुछ प्रतिबंधात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह हादसे की जांच करा रहे हैं। एडीएम अनुकूल जैन और सीईओ जिला पंचायत मृणाल मीणा की दो सदस्यीय जांच समिति सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका के बारे में भी पड़ताल कर रही है।