स्वतंत्र समय, भोपाल
मध्यप्रेदश ( Madhya Pradesh ) के वित्त विभाग के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट बुधवार को विधानसभा में पेश किया। इस बार 3 लाख 65 हजार 67 करोड़ रुपए का बजट बनाया गया है। प्रदेश के इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं में शामिल महिला, गरीब, किसान और युवाओं को केंद्रित किया गया है।
Madhya Pradesh के बजट में नया कर नहीं
इनके अलावा मध्यप्रेदश ( Madhya Pradesh ) के बजट में धार्मिक और संस्कृति संवर्धन को भी महत्व दिया गया है। पिछले साल की तुलना में वर्तमान बजट की राशि 16 फीसदी अधिक रखी गई है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग में नई भर्ती की घोषणा की गई है तो किसानों को कर्ज, लाड़ली बहना योजना, तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं के लिए भारी भरकम राशि रखी गई है। आमजन के लिए राहत की बात यह रही कि सरकार ने इस वर्ष कोई नया कर नहीं लगाया है और न पुराने किसी कर की दर बढ़ाई है। उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने अपने बजट को जनता के लिए जनता का बजट बताते हुए कहा हमारा उद्देश्य बजट के जरिए जनकल्याण, प्रदेश को विकसित बनाना तथा प्रदेश की जनता की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन के साथ उनके चेहरे पर संतोष और सुकून देखना है।
रामपथ और कृष्ण पथ बनेंगे
बजट में संस्कृति विभाग के लिए 1,081 करोड़ रुपये रखे हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में 250 प्रतिशत अधिक है। संस्कृति विभाग द्वारा देश के महानायकों के जीवन दर्शन संग्रहालय के लिए वीर भारत न्यास स्थापित किया जाएगा। यह देश और दुनिया का अपनी तरह का पहला संग्रहालय होगा। भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान प्रदेश के विभिन्न स्थानों से पथ गमन किया। राज्य की सीमाओं के अंतर्गत राम पथ गमन के अंचलों के विभिन्न स्थलों को चिह्नांकित कर उनका विकास करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्री कृष्ण पाथेय योजना की घोषणा की गई है। इसके माध्यम से प्रदेश में श्री कृष्ण पथ के पुनरावेषण और संबंधित क्षेत्रों के साहित्य, संस्कृति तथा संस्कार का संरक्षण, संवर्धन किया जाना प्रस्तावित है।
हंगामा करते रहे कांग्रेस के एमएलए
बजट भाषण के दौरान कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। बजट भाषण शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंत्री विश्वास सारंग पर सदन को गुमराह करने एवं झूठ बोलने के आरोप लगाए। साथ ही उनके इस्तीफे की मांग उठा दी। अध्यक्ष द्वारा मंगलवार को ध्यानाकर्षण के जरिए कराई गई चर्चा का हवाला देते हुए कहाकि अब कोई बात नहीं होगी। इससे कांग्रेसी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे लगातार डेढ़ घंटे तक गर्भगृह के सामने खड़े होकर नारेबाजी करते रहे। तानाशाही, भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक युवाओं के लिए न्याय मांगते हुए सारंग का इस्तीफा मांगते रहे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष को छोड़ सभी के माईक बंद कर दिए गए थे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष अपने ही माईक से टिप्पणी कर सदन की कार्रवाई में बाधा डालते रहे। बाद में कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
प्रहलाद के औचित्य में दबा कैलाश का निंदा प्रस्ताव
बजट भाषण खत्म होते संसदीय कार्यमंत्री विजयवर्गीय ने विपक्ष के व्यवहार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव की अनुमति अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मांगी। इस पर अध्यक्ष ने मंत्री प्रहलाद पटेल को बोलने के लिए कहा। पटेल ने नियम व कंडिकाओं का हवाला देते हुए कहा किसी के भी भाषण के दौरान व्यवधान नहीं किया जा सकता। सदन में विपक्ष का व्यवहार उचित नहीं था, लेकिन निंदा प्रस्ताव ज्यादा कड़ा हो जाएगा। इसके बजाय औचित्य का प्रश्र उठाया जा सकता है। फिर भी अंतिम निर्णय आपके विवेक पर छोड़ता हूं। हां यह सही है कि इतना महत्वपूर्ण बजट भाषण था, विपक्ष के सदस्य सुनते तो बेहतर होता। अध्यक्ष तोमर ने विपक्ष के रवैये पर चिंता जताते हुए कहाकि प्रतिपक्ष द्वारा जो व्यवहार किया गया, वह चिंता का विषय है। मैंने भी उन्हें व्यवस्था बनाने व अपने आसन पर जाने को कहा था। विपक्ष का व्यवहार उचित नहीं कहा जा सकता।
शेरोशायरी से बताई बजट की खूबियां
उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने शेरो-शायरी व कविताओं का भी बखूबी इस्तेमाल किया। अपने बजट की भावनाओं, उद्देश्य, प्राथमिकताओं व खूबियों को उन्होंने शेरों के जरिए बखान किया। भाषण की शुरूआत शेर और समापन कविता से किया। बजट की भावना बताते हुए कहा – सबल भुजाओं में लक्षित है नौका भी पतवार, चीर चलें सागर की छाती पार करें मझधार। साथ ही समापन करते हुए एक कविता की ये पंक्तियां रखीं – हर दिन सुदिन, हर मास मधुमास होहर घड़ी हर पल हृदय में परम हर्ष उल्लास हो। जिंदगी प्यार से भरी हो परस्पर स्नेह हो, सद्भाव हो हर कदम पर नई आशा नया विश्वास हो।
वाह-वाह करते रहे विजयवर्गीय
करीब डेढ़ घंटे के बजट भाषण के दौरान सत्तापक्ष के अधिकांश मंत्री, विधायक शांत बैठे रहे। कुछ तो बीच में चले गए तो कुछ आते-जाते रहे। अलबत्ता नगरीय विकास एवं आवास मंत्री पूरे समय खासे सक्रिय रहे। वे इस दौरान उपमुख्यमंत्री द्वारा बजट की खूबियों को बगल में बैठकर न केवल रिपीट करते रहे, बल्कि वाहवाही करते हुए विभाग व योजनावार आवंटित राशि भी बताते रहे। बीच-बीच में उन्होंने संत रविदास, बाबा महाकाल, भगवान राम व श्री कृष्ण, गिरिराज जी के जयकारे भी लगवाए। वहीं बड़ी राशि का देवड़ा द्वारा जिक्र करते ही विजयवर्गीय बोलते रहे इतना माल लाए कहां से यह तो बता दो, ओहो- इतना पैसा कहां से लाए भैया, पारदर्शी सरकार।