स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश के भोपाल और इंदौर शहर में तेजी से मेट्रो ( Metro ) का कार्य चल रहा है। राजधानी में करीब 7 किलोमीटर और इंदौर में 6 किलोमीटर का प्रायोरिटी कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। अब संचालन की तारीख मिलते ही यहां मेट्रो दौडऩा शुरु कर देगी।
Metro के संचालन में खर्च होगी मोटी राशि
हालांकि, मेट्रो ( Metro ) के संचालन में सरकार को मोटी राशि खर्च करनी होगी। ऐसे में सरकार का प्रयास है कि मेट्रो के संचालन वाले क्षेत्रों में मेट्रो कॉरिडोर के दोनों तरफ इकोनामिक जोन बनाए जाएं। जिससे मेट्रो को पर्याप्त सवारी मिलेगी साथ ही सरकार को भी मोटा राजस्व मिलेगा। जिससे भोपाल और इंदौर में मेट्रो का संचालन व्यवस्थित किया जा सके। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल-इंदौर मेट्रो लाइन के दोनों तरफ 3.0 से अधिक का फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) बढ़ाया जाएगा। जिससे मेट्रो कॉरिडोर के दोनों ओर जमीन का अधिकतम उपयोग किया जा सके और आसपास व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। बता दें कि वर्तमान में इन स्थानों पर एफएआर 1.25 से लेकर 2.0 तक है। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो रेल स्टेशन को जोडऩे वाली सडक़ों को भी उसी तरह से डिजाइन और चौड़ीकरण किया जाएगा, जिससे कि ये सडक़ें मेट्रो के ट्रैफिक और वाहनों के दबाव को झेल सके। इन सडक़ों का चौड़ीकरण के साथ इनके एफएआर बढ़ाने का काम होगा।
मेट्रो कॉरिडोर के दोनों ओर बनेगा इकोनॉमिक जोन
मेट्रो कॉरिडोर के आसपास की कॉलोनियों में इकोनॉमिक जोन बनाया जाएगा। यहां शॉपिंग मॉल, मिनी मॉल, मल्टीप्लेक्स, आईटी सेंटर, होटल, आईटी सेंटर, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बैंक बनाए जाएंगे। इसके साथ ही सडक़ों के किनारे हॉकर्स कॉर्नर के लिए जगह आरक्षित रहेगी। इससे भोपाल और इंदौर में सरकार मोबिलिटी प्लान तैयार करने में आसानी होगी। इसके चलते यहां आवासीय के साथ-साथ व्यावसायिक और कार्यालय उपयोग बढ़ेंगे। मप्र मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी एस कृष्ण चैतन्य ने बताया कि प्रदेश में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट बनाने का काम मेट्रो रेल कार्पोरेशन कर रहा है।
इसकी शुरूआत भोपाल और इंदौर से की जाएगी। मेट्रो कॉरिडोर के दोनों ओर और स्टेशन के आसपास बस स्टैंड, होटल, मिनी माल, आईटी हब व अन्य व्यवसायिक संस्थान खोलने के लिए टीओडी में बदलाव किया जाएगा। जिससे मेट्रो के आसपास के क्षेत्रों में कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। इससे मेट्रो को भी यात्री मिलेंगे और राजस्व बढ़ेगा।