मध्य प्रदेश में सड़क परिवहन को नई रफ्तार देने के लिए एक बड़ी परियोजना पर काम शुरू होने वाला है। राजधानी भोपाल और मंदसौर के बीच एक नया ग्रीनफील्ड फोरलेन हाइवे बनाया जाएगा। इस हाइवे के बनने से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि दोनों शहरों के बीच की दूरी में भी भारी कमी आएगी।
वर्तमान में भोपाल से मंदसौर जाने के लिए लोगों को इंदौर-उज्जैन या ब्यावरा-राजगढ़ के रास्ते होकर जाना पड़ता है। यह सफर काफी लंबा और थकाऊ होता है। नए प्रस्तावित मार्ग के बन जाने से यह समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी।
100 किलोमीटर कम होगी दूरी
प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हाइवे की कुल लंबाई लगभग 186 किलोमीटर होगी। अधिकारियों के अनुसार, इस नए मार्ग के शुरू होने से भोपाल और मंदसौर के बीच की दूरी करीब 100 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। अभी इन दोनों शहरों के बीच की सड़क दूरी लगभग 350 किलोमीटर है, जिसे तय करने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है।
नया हाइवे बनने के बाद यह दूरी घटकर 250 किलोमीटर के आसपास रह जाएगी। इससे यात्रा के समय में भी करीब दो से तीन घंटे की बचत होने का अनुमान है। यह परियोजना मालवा क्षेत्र की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी।
जावरा से भोपाल तक सीधा जुड़ाव
यह ग्रीनफील्ड हाइवे जावरा से शुरू होकर भोपाल तक जाएगा। यह मार्ग अगर मालवा क्षेत्र के प्रमुख व्यावसायिक केंद्रों को राजधानी से सीधे जोड़ेगा। मंदसौर और जावरा कृषि और व्यापार के लिहाज से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, ऐसे में सीधा फोरलेन जुड़ाव आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
सड़क विकास निगम (MPRDC) ने इस परियोजना की रूपरेखा तैयार कर ली है। यह हाइवे पूरी तरह से नई जमीन पर बनाया जाएगा, जिसे तकनीकी भाषा में ‘ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट’ कहा जाता है। इसका मतलब है कि मौजूदा किसी सड़क को चौड़ा करने के बजाय खेतों और खाली जमीनों से होकर नया रास्ता निकाला जाएगा।
जमीन अधिग्रहण और लागत
इस प्रोजेक्ट के लिए बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके लिए सर्वे का काम और एलाइनमेंट तय करने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण चरण में है। अनुमान है कि इस परियोजना पर हजारों करोड़ रुपये की लागत आएगी। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देंगे।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में सड़क नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है। चंबल एक्सप्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे जैसी परियोजनाओं के बाद, अब भोपाल-मंदसौर ग्रीनफील्ड हाइवे प्रदेश के विकास में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
इस हाइवे के निर्माण से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का भी विकास होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। विशेष रूप से किसानों को अपनी उपज मंडियों तक पहुंचाने में आसानी होगी।