मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो ट्रेन के कमर्शियल संचालन का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अहम खबर है। भोपाल मेट्रो का पूर्ण कमर्शियल रन 20 दिसंबर 2025 से शुरू होने की संभावना है। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MPMRCL) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने के लिए डेडलाइन तय कर दी है। शहर के लोग अगले साल के अंत तक मेट्रो में सफर का आनंद ले सकेंगे।
मेट्रो परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। सुभाष नगर डिपो से लेकर करोंद तक के ऑरेंज लाइन कॉरिडोर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, इस रूट पर सिविल वर्क और ट्रैक बिछाने का काम समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, एम्स से सुभाष नगर तक के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ट्रायल रन पहले ही सफल हो चुका है।
किराए का संभावित ढांचा
मेट्रो में सफर करने के लिए यात्रियों को कितना किराया देना होगा, इसे लेकर भी चर्चा तेज है। सूत्रों के अनुसार, भोपाल मेट्रो का न्यूनतम किराया 20 रुपए हो सकता है। वहीं, अधिकतम किराया 60 से 80 रुपए के बीच रहने की उम्मीद है। हालांकि, किराए को लेकर अंतिम निर्णय राज्य सरकार और मेट्रो कॉर्पोरेशन की उच्च स्तरीय बैठक में लिया जाएगा। किराए का निर्धारण दूरी और स्टेशनों की संख्या के आधार पर किया जाएगा।
ट्रायल रन और सुरक्षा जांच
मेट्रो के संचालन से पहले सुरक्षा मानकों की कड़ी जांच की जा रही है। प्रायोरिटी कॉरिडोर पर सेफ्टी ट्रायल पूरे किए जा रहे हैं। कमर्शियल रन शुरू करने से पहले कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेलवे सेफ्टी (CMRS) से हरी झंडी मिलना अनिवार्य है। इसके बाद ही आम जनता के लिए मेट्रो के दरवाजे खोले जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा और यात्री सुविधाओं से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
परियोजना की मौजूदा स्थिति
भोपाल मेट्रो के फेज-1 के तहत दो कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। पहला कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक है, जिसे ऑरेंज लाइन नाम दिया गया है। दूसरा कॉरिडोर भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहे तक है, जिसे ब्लू लाइन कहा जाता है। फिलहाल ऑरेंज लाइन पर काम अंतिम चरणों में है। 2025 के अंत तक शहर के प्रमुख हिस्सों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने की योजना है।
इस परियोजना के पूरा होने से भोपाल की ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा और लोगों को एक सुरक्षित, प्रदूषण मुक्त और तेज परिवहन साधन मिलेगा।