Bhopal News : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के निवासी जल्द ही मेट्रो में सफर का अनुभव कर सकेंगे। दिसंबर में मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू करने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) से भी फाइनल निरीक्षण के बाद हरी झंडी मिल गई है।
संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भोपाल आकर इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का शुभारंभ करेंगे।
मेट्रो कॉर्पोरेशन ने यात्रियों को आकर्षित करने के लिए एक खास योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, इंदौर मेट्रो मॉडल की तर्ज पर भोपाल में भी शुरुआती 7 दिनों तक यात्री मुफ्त में सफर कर सकेंगे। इसके बाद अगले तीन महीनों तक टिकट पर 75%, 50% और 25% तक की छूट दी जाएगी। छूट खत्म होने के बाद न्यूनतम किराया 20 रुपए और अधिकतम 80 रुपए तक हो सकता है।
पहले चरण में 6 किमी का सफर
शुरुआत में मेट्रो ऑरेंज लाइन के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर चलाई जाएगी। यह रूट सुभाष नगर से एम्स तक करीब 6.22 किलोमीटर का है। इस रूट पर ट्रायल रन पहले से ही चल रहा है, जिसमें मेट्रो को 30 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जा रहा है।
पूरी ऑरेंज लाइन (एम्स से करोंद) लगभग 16 किलोमीटर लंबी है, जिसके दूसरे चरण (सुभाष नगर से करोंद) का काम पूरा होने में अभी 2 से 3 साल और लगेंगे।
ऑटोमैटिक नहीं, मैनुअल मिलेगा टिकट
एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि यात्रियों को शुरुआत में ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन (AFC) सिस्टम की सुविधा नहीं मिलेगी। इसका मतलब है कि स्मार्ट कार्ड या टोकन से गेट नहीं खुलेंगे, बल्कि ट्रेन की तरह काउंटर पर जाकर मैनुअल टिकट खरीदना होगा।
यह स्थिति तुर्किए की कंपनी ‘असिस गार्ड’ का टेंडर रद्द होने के कारण बनी है। इसी कंपनी को ऑटोमैटिक किराया वसूली का पूरा सिस्टम तैयार करना था। अनुबंध खत्म होने के बाद अब नई कंपनी के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है, जिसमें दो से तीन महीने का समय लग सकता है।
तब तक के लिए मेट्रो कॉर्पोरेशन ने इंदौर की तरह ही मैनुअल टिकट सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए स्टेशनों पर कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है।