मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सुनियोजित विकास और विस्तार के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ी योजना पर काम शुरू कर दिया है। अब भोपाल और उसके आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर ‘भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन’ (BMR) का गठन किया जाएगा। इस नए रीजन का दायरा करीब 10 हजार वर्ग किलोमीटर तक फैला होगा, जो शहर के भविष्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा देगा।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में प्रारंभिक रूपरेखा तैयार कर ली है। प्रस्तावित योजना के मुताबिक, भोपाल के अलावा मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, सीहोर और सांची जैसे प्रमुख नगरीय निकायों को इस मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का हिस्सा बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य इन सभी क्षेत्रों का एक साथ और एक समान गति से विकास करना है।
मेट्रोपॉलिटन रीजन में शामिल होंगे ये क्षेत्र
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में कुल पांच नगरीय निकायों को शामिल करने का प्रस्ताव है। इनमें भोपाल नगर निगम के अलावा मंडीदीप नगर पालिका, औबेदुल्लागंज नगर परिषद, सीहोर नगर पालिका और सांची नगर परिषद शामिल हैं। इसके अलावा, भोपाल और रायसेन जिले के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों को भी इस दायरे में लाया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, इस एकीकरण से ट्रांसपोर्ट, पानी की सप्लाई और सीवेज जैसी बुनियादी सुविधाओं का ढांचा बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकेगा। वर्तमान में अलग-अलग निकायों के होने से विकास कार्यों में एकरूपता नहीं आ पाती है, जिसे इस कदम से दूर किया जा सकेगा।
निवेश और रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
विशेषज्ञों का मानना है कि मेट्रोपॉलिटन रीजन बनने से इस पूरे क्षेत्र में औद्योगिक निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी। मंडीदीप पहले से ही एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, और अब सीहोर और औबेदुल्लागंज के जुड़ने से एक बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित हो सकेगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।
बनेगी एकीकृत परिवहन व्यवस्था
इस योजना का एक प्रमुख लाभ परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा। भोपाल से मंडीदीप, सीहोर और सांची के बीच आवागमन को सुगम बनाने के लिए एकीकृत ट्रांसपोर्ट सिस्टम लागू किया जा सकता है। इससे रोजाना सफर करने वाले हजारों लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही, भविष्य में मेट्रो ट्रेन के विस्तार की संभावनाएं भी इन क्षेत्रों तक तलाशी जा सकेंगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इंदौर और उज्जैन को मिलाकर भी इसी तरह के मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाने की चर्चाएं हो चुकी हैं। अब भोपाल के लिए यह कदम उठाकर सरकार राजधानी क्षेत्र को एक बड़े आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहती है। जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है।