राजधानी भोपाल की जीवनरेखा कहे जाने वाले बड़े तालाब (अपर लेक) के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन ने एक बड़ी और निर्णायक पहल की है। घटते जलस्तर की गंभीर समस्या से निपटने के लिए कलियासोत और केरवा नदियों के जलग्रहण क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) में नए डैम बनाने की योजना को अंतिम रूप दिया गया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, इन क्षेत्रों में पानी के प्राकृतिक बहाव को बाधित कर रहे 100 से अधिक पक्के अवैध निर्माणों पर भी बुलडोजर चलाया जाएगा।
लंबे समय से गर्मी के मौसम में बड़े तालाब का जलस्तर चिंताजनक स्तर तक नीचे चला जाता है, जिससे शहर की पेयजल आपूर्ति पर संकट मंडराने लगता है। इसी समस्या के स्थायी समाधान के लिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर यह व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है। इसका मुख्य उद्देश्य बारिश के पानी को सहेजना और उसे बड़े तालाब तक पहुंचाना है।
अतिक्रमण पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
प्रशासन की इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जलग्रहण क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करना है। राजस्व विभाग और नगर निगम द्वारा किए गए एक संयुक्त सर्वेक्षण में 100 से अधिक ऐसे स्थायी निर्माणों को चिन्हित किया गया है, जो अवैध रूप से बनाए गए हैं और नदियों के बहाव क्षेत्र में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इन सभी अवैध निर्माणों को तत्काल हटाने के आदेश दिए हैं। इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए राजस्व विभाग, नगर निगम और पुलिस की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, अतिक्रमण हटाने का यह अभियान जल्द ही शुरू किया जाएगा, जो अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक हो सकता है।
कैसे काम करेगी यह पूरी योजना?
यह योजना एक सुनियोजित इंजीनियरिंग मॉडल पर आधारित है, जिसका लक्ष्य बड़े तालाब के जलस्तर को कम से कम एक फीट तक बढ़ाना है।
योजना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- पानी का भंडारण: कलियासोत और केरवा के कैचमेंट एरिया में छोटे-छोटे डैम (एनिकट) बनाए जाएंगे। इन डैमों में मानसून के दौरान बहने वाले अतिरिक्त पानी को रोका जाएगा।
- पानी का ट्रांसफर: इन डैमों में जमा हुए पानी को बाद में हाई-पावर पंपों के जरिए लिफ्ट करके एक चैनल के माध्यम से बड़े तालाब में छोड़ा जाएगा।
- लक्ष्य: इस पूरी प्रक्रिया से बड़े तालाब में लगभग 33 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) अतिरिक्त पानी लाने का लक्ष्य रखा गया है, जो उसके जलस्तर को एक फीट तक बढ़ाने के लिए पर्याप्त होगा।
जल संसाधन विभाग के विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना न केवल बड़े तालाब को सूखने से बचाएगी, बल्कि भोपाल के लिए दीर्घकालिक जल सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी। अतिक्रमण हटने से पानी का प्राकृतिक प्रवाह सुगम होगा, जिससे डैमों में अधिक पानी जमा हो सकेगा।