MP News : 1 सितंबर को भोपाल बनेगा ऐतिहासिक क्षण का साक्षी, लॉन्च होगा वैदिक घड़ी का मोबाइल ऐप

MP News : भारतीय काल गणना और वैज्ञानिक परंपरा को नई पहचान देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 1 सितंबर (सोमवार) को सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री निवास में दुनिया की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और उसके मोबाइल एप का लोकार्पण करेंगे।

यह घड़ी भारतीय पंचांग और कालगणना को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का प्रयास है। खास बात यह है कि यह ऐप 189 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध होगा। इस घड़ी के जरिए समय के साथ-साथ पंचांग, तिथि, नक्षत्र, योग, वार, मास, व्रत और त्योहारों की जानकारी भी आसानी से मिल सकेगी।

युवाओं का मार्च और संवाद कार्यक्रम

इस अवसर को खास बनाने के लिए 1 सितंबर की सुबह 9 बजे शौर्य स्मारक से कॉलेज और विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं रैली की शुरुआत करेंगे। “भारत का समय – पृथ्वी का समय” थीम पर निकली यह रैली पहले बाइक और बसों से श्यामला हिल्स थाने तक पहुंचेगी, फिर वहां से पैदल मार्च करते हुए मुख्यमंत्री निवास के मुख्य द्वार तक जाएगी।

यहां पर एक विशेष युवा संवाद कार्यक्रम होगा, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव युवाओं से सीधे बातचीत करेंगे और उन्हें भारतीय समय प्रणाली की विशेषताओं से अवगत कराएंगे।

भारतीय परंपरा और विज्ञान का अद्भुत संगम

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित दुनिया की पहली अनोखी घड़ी है। इसका पहला लोकार्पण 29 फरवरी 2024 को उज्जैन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस घड़ी ने देश और विदेश दोनों में व्यापक प्रशंसा बटोरी।

यह घड़ी न केवल भारत की परंपरा और वैदिक ज्ञान को पुनर्जीवित करती है, बल्कि आधुनिक विज्ञान और तकनीक का भी बेहतरीन उदाहरण पेश करती है। इसे विरासत और विकास, प्रकृति और तकनीक का संतुलन कहा जा सकता है, जो भारत की स्वदेशी जागरण यात्रा को और मजबूत करेगा।

मोबाइल ऐप की खासियतें

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का मोबाइल एप अपने आप में अनूठा है। इसमें—

  • 3179 विक्रम पूर्व (श्रीकृष्ण जन्मकाल) से लेकर अब तक के 7000 वर्षों से अधिक का पंचांग और काल गणना शामिल है।
  • इसमें तिथि, नक्षत्र, योग, करण, वार, मास, व्रत और त्योहारों की विस्तृत जानकारी मौजूद है।
  • धार्मिक और साधना कार्यों के लिए 30 अलग-अलग मुहूर्त बताए गए हैं, जिनके लिए अलार्म सुविधा भी उपलब्ध है।
  • ऐप में प्रचलित समय के साथ-साथ वैदिक समय (30 घंटे का चक्र), वर्तमान मुहूर्त स्थान, GMT और IST समय, सूर्योदय-सूर्यास्त की गणना और मौसम संबंधी जानकारी भी मिलती है।

यह ऐप 189 से अधिक वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है।

भारत की सांस्कृतिक धुरी को मिलेगी नई पहचान

मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी ने बताया कि यह घड़ी न केवल भारतीय संस्कृति की धरोहर है, बल्कि भारत की प्राचीन वैज्ञानिक परंपरा को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान देगी।

भारत हमेशा से ही वह भूमि रहा है जिसने पूरी मानवता को विरासत, प्रकृति और तकनीक के संतुलन के साथ जीने की सीख दी है। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी इस परंपरा को आधुनिक रूप में पुनर्स्थापित करने का प्रयास है, जो आने वाले समय में भारत की सांस्कृतिक धुरी बनकर विश्व को मार्गदर्शन देगी।