रविवार का दिन भोपाल के लिए यादगार बन गया, जब शहर ने एक ऐसा कीर्तिमान रचा, जिसने पूरे मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (IHM) भोपाल के छात्रों और फैकल्टी ने मिलकर महज 7 मिनट 26 सेकेंड में 269.9 फीट लंबा विशाल सैंडविच तैयार कर दिखा दिया कि जुनून, तैयारी और टीमवर्क से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। यह पूरा आयोजन लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की आधिकारिक टीम की मौजूदगी में हुआ, जिसने हर चरण की बारीकी से निगरानी की। फिलहाल रिकॉर्ड दर्ज कर लिया गया है और इसकी अंतिम पुष्टि 2 से 2.5 महीने में होने की संभावना है।
करीब 300 फीट लंबी टेबल पर तैयार हुआ रिकॉर्ड तोड़ सैंडविच
इस अनोखे रिकॉर्ड को साकार करने के लिए लगभग 300 फीट लंबी टेबल लगाई गई थी, जिस पर सैंडविच को चरणबद्ध तरीके से तैयार किया गया। IHM भोपाल के प्रिंसिपल डॉ. रोहित सरीन ने बताया कि इसके लिए 24 इंच लंबे ब्रेड लोफ्स का इस्तेमाल किया गया, जिन्हें एक खास खाने योग्य एडिबल ग्लू से जोड़ा गया। इस तकनीक की मदद से ब्रेड को बिना टूटे एक समान लंबाई में जोड़ा जा सका, जिससे सैंडविच की मजबूती और शेप दोनों बनी रही। यह प्रयोग कुकिंग के साथ-साथ तकनीकी समझ का भी शानदार उदाहरण बना।
हर बाइट में एक जैसा स्वाद, सबसे बड़ी चुनौती
इतने विशाल सैंडविच को बनाते समय सबसे बड़ी चुनौती थी कि उसकी पूरी लंबाई में स्वाद और गुणवत्ता एक जैसी बनी रहे। इसके लिए सभी सब्जियों को एक ही साइज में काटा गया और पूरी रेसिपी को बिल्कुल समान तरीके से लागू किया गया। सैंडविच में तीन तरह की लैट्यूस, कैप्सिकम, तीन प्रकार के बेल पेपर, पर्पल कैबेज, प्याज, ऑलिव्स और जलेपिनो के साथ 5 से 6 तरह के स्प्रेड्स और सॉस का इस्तेमाल किया गया। हर लेयर को बराबर मात्रा में फैलाया गया, ताकि कहीं भी स्वाद में फर्क न महसूस हो।
रिकॉर्ड से ज्यादा अहम था छात्रों का आत्मविश्वास
डॉ. रोहित सरीन ने बताया कि इस प्रयास का उद्देश्य सिर्फ लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना नहीं था। असल मकसद छात्रों और फैकल्टी के भीतर यह विश्वास पैदा करना था कि सही योजना, अनुशासन और सामूहिक प्रयास से असंभव नजर आने वाला काम भी मुमकिन हो सकता है। इस तरह के प्रयोग छात्रों में क्रिएटिव सोच, लीडरशिप और प्रोफेशनल अप्रोच को मजबूत करते हैं, जो हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में बेहद जरूरी माने जाते हैं।
खाना बनाना सेवा का माध्यम है
प्रिंसिपल डॉ. रोहित सरीन ने कहा कि खाना बनाना सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम है। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अतिथि को भगवान माना जाता है और उसकी संतुष्टि सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। खास बात यह है कि डॉ. सरीन खुद IHM भोपाल के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने वर्ष 1994 में इसी संस्थान से शिक्षा प्राप्त की थी और आज उसी संस्थान का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी यह यात्रा छात्रों के लिए प्रेरणा की मिसाल बन गई है।
पहले भी कई कीर्तिमान बना चुका है IHM भोपाल
IHM भोपाल का रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला नया नहीं है। इससे पहले भी संस्थान 100 फीट और 223 फीट लंबे सैंडविच बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुका है। इस बार 269.9 फीट लंबा सैंडविच बनाकर संस्थान ने न सिर्फ नया रिकॉर्ड बनाया, बल्कि अपना ही पुराना कीर्तिमान भी तोड़ दिया।
छह टीमों में बंटे छात्र, दो महीने की मेहनत रंग लाई
इस मेगा इवेंट को सफल बनाने के लिए छात्रों को छह टीमों में बांटा गया था। हर टीम को लगभग 40 फीट लंबे हिस्से की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिछले दो महीनों से लगातार प्लानिंग, प्रैक्टिस और ट्रायल किए जा रहे थे। बिना बेहतर समय प्रबंधन, अनुशासन और टीमवर्क के यह रिकॉर्ड संभव नहीं था। पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी और निगरानी लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने की।
डॉ. रोहित सरीन के नाम पहले से दर्ज हैं कई रिकॉर्ड
डॉ. रोहित सरीन इससे पहले भी कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। वर्ष 2016 में 100 फीट लंबा सैंडविच और 2017 में जालंधर में महज 5 मिनट में 228 ऑमलेट बनाने का रिकॉर्ड उनकी अगुवाई में बना था। उनके नेतृत्व में IHM भोपाल लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और भोपाल को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिला रहा है।