सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के रासायनिक कचरे को पीथमपुर में जलाने से रोकने वाली याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। आज (27 फरवरी 2025) हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के सभी पक्षों को हाईकोर्ट ने सुन लिया है, इसलिए फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कोई सुनवाई नहीं करेगा।
इससे पहले, 25 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से कहा था कि जब तक याचिका में जताई गई आशंकाओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू न की जाए। इसके बाद, इंदौर के संभागायुक्त दीपक सिंह ने पुष्टि की थी कि 27 फरवरी को कचरा नहीं जलाया जाएगा।
अब, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से इनकार के बाद, पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को जलाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इससे पहले, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कचरा निपटान के लिए ट्रायल की अनुमति दी थी, जिसमें 27 फरवरी से 10 मीट्रिक टन कचरा जलाने का आदेश दिया गया था।
स्थानीय लोग पीथमपुर में कचरा जलाने का विरोध कर रहे हैं, जबकि प्रशासन का कहना है कि कचरा जलाने से कोई नुकसान नहीं होगा। इस मामले में आगे की कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेशों और प्रशासनिक निर्णयों पर निर्भर करेगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप से इनकार के बाद, पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे के निष्पादन का ट्रायल आज से शुरू हो रहा है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम रामकी एनवायरो कंपनी में मौजूद है। कचरा जलाने के अगले ट्रायल 4 मार्च और 12 मार्च को निर्धारित हैं।
3 जनवरी को हुए विरोध को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। इंदौर देहात और धार जिले के 24 थानों से 500 से अधिक पुलिसकर्मी रामकी एनवायरो फैक्ट्री के पास तैनात किए गए हैं।
स्थानीय समुदाय में कचरा जलाने को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं, जबकि प्रशासन का दावा है कि यह प्रक्रिया सुरक्षित है। आगे की कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेशों और प्रशासनिक निर्णयों पर निर्भर करेगी।