भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को भी बैंक के संचालन को बंद करने के लिए परिसमापक नियुक्त करने का आदेश दिया गया है। 12 नवंबर, 2024 से इस बैंक का सभी प्रकार का बैंकिंग कारोबार बंद कर दिया गया है और इस संबंध में आरबीआई ने एक आधिकारिक नोटिस भी जारी किया है।
बैंकिंग कारोबार पर तत्काल प्रतिबंध
आरबीआई द्वारा इस बैंक को अब जमा स्वीकार करने, जमा लौटाने और अन्य बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस निर्णय का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा, क्योंकि अब वे अपनी जमा राशि को पूरी तरह से वापस नहीं ले पाएंगे। हालांकि, वे एक निर्धारित राशि की प्राप्ति के हकदार होंगे।
आरबीआई ने क्यों लिया यह कड़ा कदम?
आरबीआई ने दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक के संचालन को बंद करने का निर्णय उसकी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया। केंद्रीय बैंक ने बताया कि इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं, जिससे यह अपने जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान करने में असमर्थ है। आरबीआई ने बैंक के संचालन को सार्वजनिक हित के लिए खतरनाक बताया और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कई प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया।
जमाकर्ताओं को मिलेगा जमा बीमा
डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के तहत सभी जमाकर्ता 5 लाख रुपये तक की राशि के लिए जमा बीमा का दावा कर सकते हैं। इस बैंक के 95.80% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी पूरी जमा राशि की प्राप्ति के हकदार हैं। इसका मतलब है कि अधिकतर ग्राहकों को अपनी पूरी जमा राशि वापस मिल जाएगी, लेकिन 5 लाख रुपये से अधिक जमा करने वाले ग्राहकों को कुछ सीमा तक ही पैसा मिलेगा।
आरबीआई द्वारा यह कदम उठाने से बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहती है, और ग्राहकों के हितों की रक्षा की जाती है। हालांकि, यह कदम उन ग्राहकों के लिए चिंताजनक है जिनकी जमा राशि बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति के कारण पूरी नहीं लौटाई जा सकती।