अमेरिकी इकोनॉमी को बड़ा झटका, 3 साल बाद इतनी बड़ी गिरावट, शेयर बाजार में मची हलचल

साल 2025 की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जो पिछले तीन वर्षों में पहली बार देखने को मिली है। इस गिरावट के बाद बुधवार को वॉल स्ट्रीट के शेयरों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की ओर इशारा कर रही है।

गिरती अर्थव्यवस्था और व्यापार नीति के असर

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में गिरावट की वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को बताया जा रहा है, जिसने विदेशी सामान के आयात को प्रभावित किया। इसके परिणामस्वरूप, अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो गई। जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2024 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी, अब उपभोक्ता खर्च में कमी और व्यापार नीति में अनिश्चितता ने मंदी की संभावना को जन्म दिया है।

वॉल स्ट्रीट पर भारी गिरावट

अर्थव्यवस्था के आंकड़े जारी होने के बाद, वॉल स्ट्रीट पर शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1.6% की गिरावट आई, वहीं एसएंडपी 500 में 2% की कमी आई और नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स 2.6% गिरकर 17,005.71 तक पहुंच गया।

प्रमुख कंपनियों के शेयरों में नुकसान

कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। स्टारबक्स के शेयरों में 7.9% की गिरावट आई, क्योंकि कंपनी ने तिमाही लाभ में 50% की कमी के साथ 384.2 मिलियन डॉलर की रिपोर्ट दी। इसी तरह, टेस्ला के शेयर 6% तक गिरे, जबकि अमेजन और मेटा के शेयर भी 4% और 3% गिरकर कारोबार कर रहे थे।

सोने-चांदी की कीमतों में भी कमी

अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में कमी के संकेतों के कारण, बुधवार को सोने और चांदी की कीमतों में भी गिरावट आई। हाजिर सोना 1.1% गिरकर 3,279.51 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि चांदी 2.2% गिरकर 32.24 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।

क्या मंदी का खतरा बढ़ रहा है?

यह गिरावट संकेत देती है कि अमेरिकी इकोनॉमी में मंदी की आशंका बढ़ रही है, और आने वाले दिनों में इसकी गंभीरता और बढ़ सकती है। निवेशकों और विशेषज्ञों के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है कि आने वाले समय में आर्थिक अनिश्चितता और व्यापार नीतियों का असर और बढ़ेगा।