उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र 2025-26 से प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में प्रवेश लेने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब मध्यप्रदेश से बाहर के छात्रों को किसी भी यूजी या पीजी कोर्स में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और काउंसलिंग से पहले संबंधित विश्वविद्यालय से पात्रता प्रमाण पत्र (Eligibility Certificate) प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
पहले पात्रता, फिर पंजीयन की अनुमति
अब तक यह प्रक्रिया छात्रों के एडमिशन के बाद की जाती थी, लेकिन नए नियमों के तहत बिना पात्रता प्रमाण पत्र के कोई भी छात्र रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेगा। यह निर्णय प्रवेश प्रणाली को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में छात्रों को हो रही दिक्कत
भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (BU) में इस नए निर्देश से छात्रों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पात्रता प्रमाण पत्र न मिलने के कारण वे रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि उन्हें उच्च शिक्षा विभाग से निर्देश देर से प्राप्त हुए, लेकिन अब तकनीकी व्यवस्था में जरूरी सुधार कर दिए गए हैं। बहुत जल्द छात्र ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और प्रमाण पत्र भी डिजिटल रूप में प्राप्त कर सकेंगे।
पुराने विवादों से मिली प्रशासन को सीख
पूर्व में बीपीएड जैसे कोर्सों में पात्रता को लेकर कई विवाद सामने आए थे। छात्रों को प्रवेश के बाद अपात्र घोषित किया गया, जिससे परीक्षा स्थगित करनी पड़ी और मामला अदालत तक पहुंचा। कोर्ट के आदेश पर परीक्षा तो हुई, लेकिन परिणाम घोषित नहीं हो सका। इन परेशानियों से बचने के लिए अब पात्रता प्रमाण पत्र को पहले चरण में अनिवार्य कर दिया गया है।
किन्हें नहीं लेना होगा पात्रता प्रमाण पत्र
मध्यप्रदेश के मूल निवासी छात्र, जिन्होंने MP बोर्ड, CBSE, ICSE या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा पास की है, उन्हें पात्रता प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन व्यावसायिक कोर्स, ITI अथवा 11वीं के बाद सीधे ग्रेजुएशन में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए यह प्रमाण पत्र अनिवार्य रहेगा।
प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय से बनवा सकेंगे प्रमाण पत्र
यह प्रमाण पत्र छात्र प्रदेश के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय, जैसे कि चीयू (CU), से बनवा सकते हैं। इससे प्रवेश प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित होगी और अपात्र उम्मीदवारों को शुरुआत में ही रोका जा सकेगा, जिससे आगे की परेशानी नहीं होगी।