MP में पुलिस रिस्पॉन्स सिस्टम में बड़ा बदलाव, खत्म होगी डायल 100 सेवा, अब इमरजेंसी में मिलेगी 112 नंबर से हाईटेक सहायता

मध्यप्रदेश की पुलिस व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर राज्य सरकार डायल 112 सेवा की शुरुआत करने जा रही है, जो वर्तमान में चल रही डायल 100 सेवा की जगह लेगी। इस सेवा का उद्देश्य इमरजेंसी स्थितियों में आम नागरिकों को और तेज़, सटीक व तकनीकी रूप से उन्नत सहायता उपलब्ध कराना है।

नई तकनीक से लैस होंगी फर्स्ट रिस्पॉन्स गाड़ियां

इस नई व्यवस्था के तहत 1200 अत्याधुनिक बोलेरो नियो गाड़ियां पूरे राज्य में तैनात की जाएंगी। ये गाड़ियां GPS, वायरलेस कम्युनिकेशन, डिजिटल नेविगेशन और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग जैसी सुविधाओं से लैस होंगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसी भी इमरजेंसी कॉल पर गाड़ी संबंधित स्थान पर कम समय में पहुंच सकेगी।

डायल 100 की विदाई, डायल 112 का आगमन

मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने जानकारी दी कि 14 अगस्त 2025 के बाद से डायल 100 की पुरानी टाटा सफारी गाड़ियां सेवा से बाहर हो जाएंगी। इसके अगले ही दिन यानी 15 अगस्त से डायल 112 पूरी तरह से लागू हो जाएगी। इस सेवा का संचालन अब GVK कंपनी के हाथों में होगा, जो पहले से ही एम्बुलेंस सेवाओं के संचालन में विशेषज्ञता रखती है।

डायल 112 की मुख्य विशेषताएं

▪ 1200 नई बोलेरो नियो गाड़ियां फील्ड में एक्टिव रहेंगी
▪ सभी वाहन GPS और वायरलेस सिस्टम से जुड़े होंगे
▪ डिजिटल नेविगेशन और लाइव ट्रैकिंग से जवाबी कार्रवाई तेज होगी
▪ GVK EMRI कंपनी इस सेवा का संचालन करेगी
▪ राज्य स्तरीय नया कॉल सेंटर स्थापित किया जा रहा है, जो सभी जिलों को जोड़ेगा

सेवा से मिलेंगे क्या फायदे?

डायल 112 के माध्यम से नागरिकों को अब एक ही नंबर पर पुलिस, फायर और एम्बुलेंस सहायता मिल सकेगी। जैसे ही कॉल किया जाएगा, लाइव लोकेशन ट्रैक होकर संबंधित टीम को रियल टाइम अलर्ट मिल जाएगा। इससे कार्रवाई में लगने वाला समय काफी घटेगा और पीड़ित को तेज़ राहत मिलेगी। डायल 100 सेवा वर्ष 2015 में शुरू हुई थी, लेकिन इसकी सीमित तकनीकी क्षमता और संसाधनों के कारण यह अब पुरानी हो चुकी है।

अन्य राज्यों में सफल साबित हो चुका है यह मॉडल

डायल 112 सेवा का मॉडल हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में पहले से ही लागू है और इन राज्यों में इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। अब मध्यप्रदेश भी इस हाईटेक व्यवस्था को अपनाकर नागरिक सुरक्षा को नई दिशा देने जा रहा है। इससे पुलिस रिस्पॉन्स टाइम घटेगा और हर नागरिक को अपनी लोकेशन पर सही समय पर सहायता मिल सकेगी।

नई प्रणाली के लिए कॉल सेंटर भी तैयार

इस सेवा के संचालन के लिए राज्य स्तर पर एक नया केंद्रीय कॉल सेंटर भी तैयार किया जा रहा है, जो सभी जिलों से डिजिटल रूप से जुड़ा रहेगा। इसके ज़रिए राज्य भर में इमरजेंसी सहायता का समान, पारदर्शी और केंद्रीकृत नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, कॉल सेंटर में विशेष रूप से प्रशिक्षित ऑपरेटर काम करेंगे, जो किसी भी परिस्थिति में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।