CM यादव की कैबिनेट में बड़ा फैसला : MP में अब जनता सीधे चुनेगी नगर पालिका अध्यक्ष

Bhopal News : मध्य प्रदेश में एक बार फिर स्थानीय निकायों के अध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता के माध्यम से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में नगर पालिका अधिनियम में संशोधन के विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। इस विधेयक को 1 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।

इस संशोधन के बाद प्रदेश की नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्ष पार्षदों द्वारा नहीं, बल्कि सीधे मतदाताओं द्वारा चुने जाएंगे। सरकार ने निर्वाचित अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास की स्थिति में ‘राइट टू रिकॉल’ (वापस बुलाने का अधिकार) का प्रावधान भी लागू करने का फैसला किया है। यह नई व्यवस्था सबसे पहले मझौली नगर परिषद के उपचुनाव से ही लागू हो जाएगी।

पुरानी व्यवस्था को बदलने का फैसला

तत्कालीन कमल नाथ सरकार ने अधिनियम में संशोधन कर पार्षदों द्वारा अध्यक्ष चुनने की व्यवस्था लागू की थी। इसके बाद शिवराज सरकार में भी इसी प्रणाली से चुनाव हुए थे। हालांकि, इस व्यवस्था में पार्षदों द्वारा अध्यक्ष पर दबाव बनाने और अन्य शिकायतें सामने आ रही थीं।

इन्हीं कारणों को देखते हुए मोहन यादव सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से सीधे चुनाव कराने का फैसला किया था, जिसके स्थान पर अब विधानसभा में संशोधन विधेयक लाया जा रहा है। प्रदेश में अगले नगरीय निकाय चुनाव 2027 में प्रस्तावित हैं।

कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

बैठक में सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी। सूत्रों के मुताबिक, इस बजट में कोई नई योजना शुरू नहीं की जाएगी और न ही विभागों को नए वाहनों की खरीद के लिए राशि दी जाएगी।

इसके अलावा, कैबिनेट ने एक मानवीय फैसला लेते हुए माओवादी विरोधी अभियान में 19 नवंबर 2025 को बलिदान हुए विशेष सशस्त्र बल के निरीक्षक आशीष शर्मा के छोटे भाई अंकित शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय लिया। उन्हें जिला पुलिस बल में उप निरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) के पद पर नियुक्त किया जाएगा। साथ ही, बलिदानी के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की स्वीकृति भी प्रदान की गई।