उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला! इस दिन से लागू हो जाएगी समान नागरिक संहिता

उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जो स्वतंत्र भारत में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा कर दी है। 27 जनवरी को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देहरादून दौरे से ठीक एक दिन पहले, दोपहर 12:30 बजे मुख्यमंत्री सचिवालय में यूसीसी पोर्टल का उद्घाटन करेंगे। इसी दिन कार्यान्वयन की पुष्टि करने वाली अधिसूचना भी जारी की जाएगी।

यूसीसी के ऐतिहासिक सफर की शुरुआत

सीएम धामी ने फरवरी 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले यूसीसी लागू करने का वादा किया था। भाजपा को बहुमत मिलने और मुख्यमंत्री बनने के बाद, पहली कैबिनेट बैठक में उन्होंने इसे लागू करने का संकल्प लिया। मई 2022 में, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया।

2.5 लाख लोगों से संवाद और 20 लाख सुझाव

समिति ने राज्यभर में करीब 2.5 लाख लोगों से बातचीत की और ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यमों से 20 लाख सुझाव जुटाए। इस व्यापक जनसंवाद के बाद 2 फरवरी 2024 को समिति ने यूसीसी का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री को सौंपा। इसके बाद 6 फरवरी 2024 को विधानसभा में विधेयक पेश हुआ, जो अगले ही दिन पारित हो गया। राष्ट्रपति ने 11 मार्च 2024 को विधेयक को मंजूरी दे दी।

कैबिनेट की मंजूरी और अंतिम तैयारी

यूसीसी लागू करने के लिए नियमावली तैयार करने का काम अक्टूबर 2024 में पूरा हुआ। 20 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री धामी की कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी और अब 27 जनवरी को इसे औपचारिक रूप से लागू किया जा रहा है।

यूसीसी के प्रभाव और प्रावधान

यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में तलाक, विवाह, गुजारा भत्ता और विरासत जैसे मुद्दों के लिए सभी धर्म और समुदायों पर एक समान कानून लागू होगा। 26 मार्च 2010 के बाद हर दंपती को शादी और तलाक का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण न कराने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है।