सरकार के द्वारा शासकीय कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात दी जा रही है। अब जिन एम्प्लाइज को दफ्तर के कार्यों को करने के लिए मोबाइल-लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस वितरित किए जाएंगे। उसका उपयोग वह अपने निजी कामों को पूरा करने के लिए भी कर सकेंगे। इन डिवाइसेस की टोटल लिमिट 1.3 लाख रूपए के करीब हो सकती है। इतना ही नहीं, एक तय वक़्त के बाद एम्प्लाइज इन डिवाइस को अपने साथ रख भी सकेंगे। मतलब उन्हें वह लैपटॉप या मोबाइल को वापस करने की आवश्यकता नहीं होगी।
वहीं वित्त मंत्रालय के एक्सपेंस डिपार्टमेंट ने एम्प्लाइज को लैपटॉप, मोबाइल आदि देने से संबंधित अपडेटेट रूपरेखा लागू की गई हैं। इसमें डिवाइसेस की कुल कीमत 80,000 रूपए से बढ़ाकर 1.3 लाख रूपए कर दी गई है। इसी के साथ ही इन डिवाइस को 4 वर्ष के बाद एम्प्लाइज अपने निजी इस्तेमाल के लिए अपने साथ रख सकेंगे। इनमें मोबाइल-लैपटॉप के अतिरिक्त टैबलेट, फैबलेट, नोटबुक, नोटपैड, अल्ट्रा-बुक, नेट-बुक और इनके जैसे अन्य डिवाइस मौजूद हैं।
मंत्रालय की रुपरेखा के अनुसार केंद्र सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी और उससे ऊपर के स्तर के एम्प्लाइज को इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इश्यू किए जाएंगे। वहीं किसी विभाग में 50 प्रतिशत के बराबर तक सेक्शन ऑफिसर्स और अंडर सेक्रेटरीज को इस तरह के डिवाइस जारी किए जा सकेंगे। एक और शर्त रखी गई है कि ऐसे किसी भी अधिकारी को 4 साल तक नया डिवाइस जारी नहीं किया जाएगा, जिसके नाम पर पहले ही मोबाइल और लैपटॉप या अन्य डिवाइस इश्यू हो चुका है। हालांकि खराब होने की कंडीशन में यदि डिवाइस रिपेयरिंग की सीमा से बाहर चला जाता है, तब नया डिवाइस इश्यू किया जा सकता है।
वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी ऑर्डर में स्पष्टकहा गया है कि यदि किसी लैपटॉप-मोबाइल या अन्य डिवाइस में 40 फीसदी से अधिक सहयोगी ‘मेक इन इंडिया’ हैं, तब 1.30 लाख रूपए प्लस टैक्स की लागत के डिवाइस वितरित किए जा सकते हैं। अन्यथा डिवाइस की ज्यादा से ज्यादा मूल्य 1 लाख रूपए टैक्स सहित। इस डिवाइस को 4 वर्ष उपयोग करने के बाद एम्प्लाइज उसे अपने साथ रख सकता है।
यदि कोई लैपटॉप या मोबाइल डिवाइस किसी एम्प्लाइज को निजी इस्तेमाल करने के लिए हैंडओवर किया जा रहा है। तब उस विभाग और मंत्रालय उत्तरदायित्व होगा कि ऐसा करने से पहले वह डिवाइस के डेटा को पूरी तरह क्लियर कर दे। मतलब डिवाइस को डेटा सैनिटाइज की प्रोसेस से गुजरना होगा। सरकार ने ये ऑर्डर 21 जुलाई को जारी किए गए है।