केंद्र सरकार की अनाज भंडारण योजना (Anaj Bhandaran Yojana) किसानों को सशक्त बनाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके तहत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के माध्यम से हर गांव में अनाज भंडारण केंद्र, गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर और प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
इस योजना का लाभ छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के किसानों को मिलेगा। इससे किसानों को अपनी फसल को सही समय तक सुरक्षित रखने की सुविधा मिलेगी और वे तब बेच सकेंगे जब मंडी में अच्छे दाम मिलेंगे। 31 मई 2023 को इस योजना को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
अनाज भंडारण योजना (Anaj Bhandaran Yojana) के तहत अब तक 11 राज्यों में 11 PACS गोदामों का निर्माण पूरा हो चुका है, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 9,750 मीट्रिक टन है।
• सबसे बड़ा गोदाम महाराष्ट्र के अमरावती में बनाया गया है, जिसकी क्षमता 3,000 मीट्रिक टन है।
• त्रिपुरा और राजस्थान में 250-250 मीट्रिक टन क्षमता वाले छोटे गोदाम तैयार किए गए हैं।
• अन्य राज्यों में 500 से 1,500 मीट्रिक टन क्षमता तक के गोदाम बनाए गए हैं।
इसके अलावा, 500 और PACS के लिए आधारशिला रखी जा चुकी है, जबकि कुल 575 PACS की पहचान की गई है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य खाद्यान्न की बर्बादी रोकना, खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलाना है।
अनाज भंडारण योजना (Anaj Bhandaran Yojana) के तहत छत्तीसगढ़ के हर गांव के किसानों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार ने इस योजना की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसका पायलट प्रोजेक्ट पहले सफलतापूर्वक लागू किया गया था।
अब इसे पूरे देश में विस्तार दिया जा रहा है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ में भी गोदामों का निर्माण होगा। इन गोदामों में किसान अपनी फसल सुरक्षित रख सकेंगे और जब बाजार में मूल्य अनुकूल होगा, तब अपनी फसल को बेचकर अधिक लाभ कमा सकेंगे। यह योजना किसानों की भंडारण क्षमता बढ़ाने, खाद्यान्न की बर्बादी रोकने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
अनाज भंडारण योजना (Anaj Bhandaran Yojana) के फायदे:
1. फसलों की आपात बिक्री पर रोक – किसानों को मजबूरन कम दाम पर फसल बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे अपनी उपज को गोदामों में सुरक्षित रख सकेंगे और जब बाजार में कीमतें बढ़ेंगी, तब उसे अच्छे दाम पर बेच पाएंगे।
2. परिवहन लागत में कमी – PACS को खरीद केंद्र और उचित मूल्य दुकानों (FPS) के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे किसानों को अपनी उपज को दूर ले जाने की जरूरत नहीं होगी और उनकी परिवहन लागत घटेगी।
3. खाद्यान्न की बर्बादी कम होगी – उचित भंडारण व्यवस्था के कारण फसलें कीट और नमी से खराब नहीं होंगी, जिससे किसानों का आर्थिक नुकसान रुकेगा।
4. किसानों की आय में वृद्धि – भंडारण सुविधा होने से किसान मांग और आपूर्ति के अनुसार अपनी फसल बेच सकेंगे, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
5. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती – इस योजना से गांवों में नए रोजगार के अवसर मिलेंगे और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।