भारतीय किसान संघ पर भारी राजनीति, कांग्रेस के समर्थन में कर रहे सिंहस्थ का विरोध

उज्जैन में भारतीय किसान संघ (भाकिसं) ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। यह परंपरा हर साल 15 सितंबर को निभाई जाती है, जब किसान संघ अपनी खेती और किसानी से जुड़ी समस्याओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए ज्ञापन दिवस मनाता है।

कांग्रेस ने प्रदर्शन को दिया राजनीतिक रंग

इस बार के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजनीति हावी हो गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस मौके को भुनाने की कोशिश की और किसानों के मुद्दे को राजनीतिक मंच बना दिया। कांग्रेस ने किसानों के ज्ञापन को “लैंड पुलिंग” से जोड़ते हुए प्रचार-प्रसार किया और भाजपा सरकार पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप लगाया।



सिंहस्थ की तैयारियों पर राजनीति

कांग्रेस ने सिंहस्थ के नाम पर हो रहे विकास कार्यों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने किसानों को यह समझाने की कोशिश की कि सरकार “लैंड पुलिंग” के जरिए उनकी जमीनों पर कब्जा कर रही है। जबकि मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि सिंहस्थ में स्थायी विकास कार्य किए जा रहे हैं, ताकि हर बार 12 साल बाद महाकुंभ के आयोजन पर करोड़ों रुपये सड़क, बिजली और अन्य अस्थायी व्यवस्थाओं पर खर्च न करने पड़ें।

किसानों के वास्तविक ज्ञापन में लैंड पुलिंग का जिक्र नहीं

दिलचस्प बात यह है कि भारतीय किसान संघ द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में लैंड पुलिंग का कोई जिक्र ही नहीं है। ज्ञापन में मुख्य रूप से फसल बीमा की राशि का भुगतान, उपज समर्थन मूल्य पर खरीदी, सिंचाई और राजस्व संबंधी समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया गया है। इससे साफ होता है कि किसानों की मांगें खेती-किसानी तक ही सीमित थीं।

ट्रैक्टर रैली और अनोखे तरीके से विरोध

किसानों ने इस विरोध को खास अंदाज में व्यक्त किया। लगभग 2000 ट्रैक्टरों के साथ हजारों किसान उज्जैन पहुंचे। किसी ने प्याज की माला पहनकर विरोध जताया, तो किसी ने खराब फसलें हाथ में उठाकर। वहीं एक किसान भगवान बलराम का रूप धरकर हाथ में हल लेकर आया। इस तरह किसानों ने अपनी नाराजगी अलग-अलग प्रतीकों के जरिए दिखाई।

कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी से बढ़ा विवाद

इस प्रदर्शन में कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट, दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी और हरीश चौधरी भी शामिल हुए। उन्होंने किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरा और भाजपा पर आरोप लगाए। हालांकि, इससे यह संदेश भी गया कि कांग्रेस किसानों के मंच का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।

किसानों को गुमराह करने का आरोप

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस किसानों को सिंहस्थ के विकास कार्यों के विरोध में खड़ा करके गुमराह करने का प्रयास कर रही है। जबकि सरकार का दावा है कि यह कदम किसानों और शहरवासियों के लंबे समय तक लाभकारी सिद्ध होंगे।