मध्य प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवाने में परेशानी बढ़ गई है क्योंकि इन कार्डों को तैयार करने वाली स्मार्ट चिप कंपनी की अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो गई। एक अक्टूबर से कंपनी ने काम बंद कर दिया है। इस स्थिति के कारण परिवहन विभाग के पास फिलहाल ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी करने का कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, जिससे आवेदकों को असुविधा हो रही है। अब यह देखना होगा कि विभाग इस समस्या का समाधान कब तक करता है या नए उपायों को लागू करता है।
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने संभावित रुकावट को ध्यान में रखते हुए पहले ही स्मार्ट चिप कंपनी से बड़ी संख्या में स्मार्ट कार्ड मंगवा लिए थे ताकि कंपनी के काम बंद करने के बाद भी कुछ दिनों तक काम जारी रखा जा सके। स्मार्ट चिप कंपनी, जो पिछले 22 साल से राज्य में सेवाएं दे रही थी, को दिसंबर तक काम जारी रखने के लिए कहा गया था, लेकिन कंपनी ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अब, कंपनी के काम बंद करने के बाद विभाग को जल्द ही नए विकल्प या व्यवस्था तलाशने की आवश्यकता होगी ताकि ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया बाधित न हो।
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग और स्मार्ट चिप कंपनी के बीच भुगतान को लेकर विवाद चल रहा है, जिसके कारण कंपनी ने अपना काम बंद कर दिया है। इस विवाद का सीधा असर आवेदकों पर पड़ रहा है, जो ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवाने में असुविधा का सामना कर रहे हैं। 2002 से नोएडा स्थित स्मार्ट चिप कंपनी परिवहन विभाग के लिए काम कर रही थी। अब, इस मामले को सुलझाने के लिए शासन स्तर पर चर्चा चल रही है, ताकि जल्द से जल्द समाधान निकाला जा सके और आवेदकों को राहत मिल सके।
जून 2024 में स्मार्ट चिप कंपनी को तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया था, और इसके बाद सितंबर तक काम जारी रखने की सहमति बनी थी। हालांकि, अब कंपनी ने काम बंद कर दिया है। परिवहन विभाग ने इस बीच दावा किया कि कंपनी के सेटअप और कर्मचारियों को विभाग टेकओवर करेगा, जिससे लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी करने का काम बाधित न हो। इस टेकओवर को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि विभाग अपनी सेवाओं को सुचारू रूप से जारी रख सके और आवेदकों को हो रही परेशानी का समाधान मिल सके।
स्मार्ट चिप कंपनी का कार्यकाल वास्तव में 2022 में ही समाप्त हो गया था, लेकिन तब से इसे बार-बार एक्सटेंशन दिया जा रहा था। परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड के लिए नए टेंडर जारी किए थे, जिसमें तीन कंपनियां सामने आईं, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। ग्वालियर में पहले से ही पांच हजार कार्ड मंगवाए गए थे ताकि त्योहारी सीजन में लोगों को असुविधा न हो, लेकिन यह केवल एक अस्थायी समाधान है। परिवहन अपर आयुक्त उमेश जोगा ने बताया कि इस समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए शासन स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। अब विभाग को नए विकल्पों के लिए त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि लोगों को लंबी अवधि तक परेशानियों का सामना न करना पड़े।