रियल एस्टेट की राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में एक ऐतिहासिक सौदा हुआ है, जिसने शहर के प्रॉपर्टी मार्केट को झंकझोर कर रख दिया है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने एमओजी लाइन, महू नाका स्थित कुक्कुटपालन केन्द्र की बेशकीमती 17 एकड़ जमीन आखिरकार तीसरे टेंडर में रिकॉर्ड तोड़ 454.54 करोड़ रुपये में बेच दी है — और ये बोली लगाई है गुजरात की तीरथ गोपीकॉन नामक कम्पनी ने।
मैदान में थी तीन बड़ी कंपनियां
7 लाख स्क्वेयर फीट की यह ज़मीन, जो लंबे समय से स्मार्ट सिटी के पास थी, अब इंदौर के इतिहास का सबसे बड़ा रियल एस्टेट डील बन गई है। इससे पहले दो बार ऑनलाइन टेंडर निकले, पर कोई बोलीदार आगे नहीं आया था। लेकिन तीसरी बार जैसे ही बाज़ार की हवा बदली, तीन बड़ी कंपनियां मैदान में उतरीं — जैन रियल एस्टेट (381 करोड़), बीसी इन्फ्रा (452.5 करोड़) और सबसे ऊंची बोली देने वाली तीरथ गोपीकॉन (454.54 करोड़)। बता दें कि स्मार्ट सिटी ने एमओजी लाइन में आवासीय और वाणिज्यिक उपयोग के लगभग एक दर्जन बड़े भूखंडों की जहां बिक्री शुरू की थी। वहीं कुक्कुटपालन केन्द्र की जमीन भी उसे हासिल हो गई। सर्वे नंबर 866/2, 866/2/3, 866/1/1/1 और 866/1/1/2 की 7 लाख स्क्वेयर फीट से अधिक इस जमीन का दो बार पूर्व में भी टेंडर ऑनलाइन जारी किया था,जिसमें उपरोक्त तीन कम्पनियों ने इस जमीन को खरीदने में रुचि दिखाई, जिसमें जैन रियल इस्टेट ने 381 करोड़, बीसी इन्फ्रा ने 452.5 करोड़ और तीसरी सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कम्पनी तीरथ गोपीकॉन, जो कि गुजरात की है, ने 454.54 करोड़ रुपए का सबसे अधिक दर का टेंडर जमा किया।
स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में मिलेगी हरी झंडी
अब 1 मई को स्मार्ट सिटी की बोर्ड मीटिंग में इस डील को हरी झंडी मिलने की पूरी संभावना है। मंज़ूरी मिलते ही कम्पनी को 10% राशि अग्रिम देनी होगी और फिर हर चार महीने में किश्तें जमा करनी होंगी। यदि कम्पनी भुगतान में चूक करती है, तो ज़मीन और राशि दोनों निगम के पास जब्त हो जाएंगी। फ्री होल्ड यह ज़मीन आवासीय और वाणिज्यिक उपयोग की है और यहां भविष्य में एक भव्य प्रोजेक्ट की नींव रखी जाएगी। हालांकि इसमें डेढ़ से दो साल का वक्त लगेगा। इस समय इस ज़मीन पर जो वेटरनरी हॉस्पिटल संचालित है, उसे स्मार्ट सिटी द्वारा पीछे शिफ्ट किया जाएगा और नया हॉस्पिटल तैयार किया जाएगा।
स्मार्ट सिटी के लिए गेम-चेंजर सौदा
इस मेगा डील से मिले 455 करोड़ रुपये अब स्मार्ट सिटी के अधूरे सपनों को पूरा करेंगे। अधूरी सड़कों, फ्लायओवरों और मास्टर प्लान के बाकी प्रोजेक्टों को मिलेगी रफ्तार। खास बात ये भी है कि केंद्र सरकार से मांगी गई अतिरिक्त राशि नहीं मिली थी, ऐसे में यह सौदा गेम-चेंजर साबित होगा।
रिलाइंस- गोदरेज को भी छोड़ा पीछे
रिलायंस ने पहले योजना क्रमांक 54 में 270 करोड़ की जमीन खरीदी थी, जो अब भी खाली है। गोदरेज ने 200 करोड़ में 47 एकड़ ज़मीन इंदौर-उज्जैन रोड पर खरीदी, फिर मांगलिया में टाउनशिप प्लान की। मगर अब तीरथ गोपीकॉन का 455 करोड़ का यह सौदा हर लिहाज से इन सबसे भारी है।
70 वर्गफुट जमीन की कीमत 1.72 करोड़
इंदौर में जिस तरह स जमीन के भाव बढ़ रहे है। उसने रियल स्टेट में आई मंदी की बात को सिरे से नकार दिया है। जहां एक ओर इस बढ़ते जमीनों के भाव के कारण कई लोग अपने खुद का घर भी नहीं खरीद पा रहे है वहीं देश की बड़ी-बड़ी रियल स्टेट कंपनियां इंदौर शहर की ओर ऱूख कर रही है। इससे अब इंदौर शहर का इंफ्रास्ट्राचर काफी मजबुत होने वाला है। हालहिं में शहर के खजराना गणेश मंदिर के पास 70 वर्गफुट की दुकान 1.72 करोड़ में बिकी जिससे कमर्शियल भूखंड की इतनी कीमत सुन कर एक बार इंदौरियों के होश भी उड़ गए है लेकिन इंदौर में रियल एस्टेट ले जुड़े लोग इससे अनुमान लगा रहे है कि अब इंदौर में जमीनों का भाव रियल एस्टेट कारोबार को और अधिक गति देंगा।