Bihar Assembly Elections : एनडीए का कौन है सबसे ताकतवर चेहरा?

Bihar Assembly Elections : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा तेज है कि क्या एनडीए ने महागठबंधन को हराने का मजबूत प्लान बना लिया है। माना जा रहा है कि चिराग पासवान चुनाव लड़ सकते हैं। क्या यह एनडीए की बड़ी रणनीति है? इन सवालों पर राजनीति में खूब चर्चा हो रही है।
चिराग पासवान के चुनाव लड़ने की खबर से सत्ताधारी और विपक्षी दलों में हलचल है। सवाल यह है कि क्या यह उनका खुद का फैसला है या एनडीए की रणनीति। जानकारों का मानना है कि दलितों और युवाओं में लोकप्रियता के कारण एनडीए को इसका बड़ा फायदा हो सकता है।

चिराग पासवान की छवि युवाओं और दलितों के बीच मजबूत

राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार मानते हैं कि चिराग का चुनाव लड़ना एनडीए की सोची-समझी रणनीति हो सकती है। चिराग की लोकप्रियता युवाओं और दलितों में है, जिससे एनडीए को फायदा हो सकता है। तेजस्वी रोजगार जैसे मुद्दों पर युवाओं को जोड़ रहे हैं, लेकिन चिराग भी ऐसे ही मुद्दे उठाते रहे हैं।

चिराग की सक्रिय भागीदारी ने जेडीयू की मुश्किलें बढ़ाये

पत्रकार संतोष सिंह के अनुसार, चिराग पासवान के चुनाव लड़ने की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि उनकी लोकप्रियता से जेडीयू पर दबाव बढ़ सकता है। जेडीयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन चिराग की सक्रियता से सीटों को लेकर टकराव हो सकता है और महागठबंधन को भी नुकसान पहुंच सकता है।

चिराग के लिए अच्छी छवि

राहुल गांधी बार-बार बिहार जाकर दलित और अति पिछड़े वोटरों को अपनी ओर करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, अगर चिराग पासवान सक्रिय होते हैं, तो दलित वोटरों में उनके लिए अच्छा असर जा सकता है, जिससे एनडीए को फायदा मिल सकता है। हालांकि, यह देखना होगा कि क्या एनडीए सच में कोई योजना बना रहा है। चिराग एनडीए के लिए बड़ा चेहरा बन सकते हैं जो विपक्ष की योजना बिगाड़ सकते हैं।