बिहार चुनाव विश्लेषण: PM मोदी की 16 रैलियों से NDA को मिलीं 97 सीटें, 80% रहा स्ट्राइक रेट

New Delhi : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 202 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत दिया है। इस शानदार जीत में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अकेले 89 सीटों पर कब्जा किया है। चुनाव परिणामों का विश्लेषण बताता है कि इस जीत के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का बड़ा हाथ रहा, जिनका स्ट्राइक रेट बेहद प्रभावशाली रहा।

चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कुल 16 रैलियां की थीं। इन रैलियों के प्रभाव वाली 97 सीटों पर NDA उम्मीदवारों को जीत मिली। आंकड़ों के अनुसार, यह पीएम मोदी का 80% का स्ट्राइक रेट दिखाता है, जो किसी भी नेता के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इन 97 सीटों में से 44 सीटें ऐसी हैं जो NDA ने इस बार नई जीती हैं।

PM मोदी का 80% स्ट्राइक रेट

चुनाव विश्लेषण में ‘स्ट्राइक रेट’ एक महत्वपूर्ण पैमाना होता है। इसका मतलब उन सीटों से है जहां किसी नेता ने प्रचार किया और उनमें से कितनी सीटों पर पार्टी या गठबंधन को जीत हासिल हुई। इस पैमाने पर प्रधानमंत्री मोदी का प्रदर्शन सबसे बेहतरीन रहा। उन्होंने जिन क्षेत्रों में रैलियां कीं, वहां NDA के पक्ष में माहौल बनाने में बड़ी सफलता हासिल की।

अमित शाह का स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा

NDA के स्टार प्रचारकों में गृहमंत्री अमित शाह का स्ट्राइक रेट प्रधानमंत्री मोदी से भी अधिक रहा। शाह ने जिन सीटों पर प्रचार किया, उनमें से 88% पर NDA को जीत मिली। यह दिखाता है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की रणनीति और जमीनी अपील ने चुनाव परिणामों को सीधे तौर पर प्रभावित किया।

महागठबंधन के स्टार प्रचारक फ्लॉप

एक तरफ जहां NDA के नेता जीत का परचम लहरा रहे थे, वहीं महागठबंधन के बड़े नेताओं की रैलियां फ्लॉप साबित हुईं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की रैलियों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। आंकड़ों के मुताबिक, जिन सीटों पर राहुल गांधी ने रैलियां कीं, उनमें से 85% सीटों पर महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा।

इसी तरह, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव भी अपने प्रचार अभियान से कोई खास करिश्मा नहीं दिखा पाए और उनका प्रदर्शन भी उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। इन नतीजों से साफ है कि बिहार का चुनाव व्यक्तिगत अपील और संगठनात्मक रणनीति के दम पर लड़ा और जीता गया, जिसमें NDA ने बाजी मार ली।