बिहार चुनाव भी मध्यप्रदेश की तर्ज पर महिलाओं को धनराशि देने पर केन्द्रित हो गया है। जहां सबसे पहले मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना की शुरूआत करके मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार सत्ता में आई थी उसके बाद पूरे देश के कई राज्य इसी पर केन्द्रित हो गए है। फिर यहीं फार्मुला महाराष्ट्र चुनाव में अपनाया गया।
अब यहां फार्मुला बिहार में भाजपा की बजाय आरजेड़ी अपनाने पर बल दे रही है। जहां एक और एनडीए की सरकार के समर्थन में पीएम मोदी महिलाओं से संवाद करके आज महिलाओं को चुनाव में भागीदारी बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। वहीं आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने अब महिलाओं को एक मुश्त 30 हजार रूपए की घोषणा की है। घोषणा में ऐलान किया गया है कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो महिलाओं को ‘माई बहिन योजना’ के तहत एकमुश्त 30 हजार की राशि दी जाएगी।
14 जनवरी तक एक मुश्त आएगी किश्त
महागठबंधन के तेजस्वी यादव ने वादा किया कि 14 जनवरी को यह पैसा सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजा जाएगा। बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो महिलाओं को ‘माई बहिन योजना’ के तहत एकमुश्त 30 हजार रुपए की राशि दी जाएगी। तेजस्वी ने वादा किया कि 14 जनवरी को यह पैसा सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजा जाएगा। तेजस्वी यादव ने कहा, हमारी सरकार बनते ही माता-बहनों के खाते में एक साल की पूरी राशि डाल दी जाएगी। अब बदलाव का वक्त आ गया है। तेजस्वी की इस घोषणा को अंतिम समय में मास्टरस्ट्रोक की तरह देखा जा रहा है।
कर्मचारियों को मिलेगी पोस्टिंग में राहत
तेजस्वी ने सरकारी कर्मचारियों के लिए भी राहत भरी घोषणा की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की पोस्टिंग गृह जिले से अधिकतम 70 किलोमीटर की दूरी पर की जाएगी, ताकि उन्हें अपने परिवार से दूर रहकर दिक्कत न झेलनी पड़े। किसानों के हित में तेजस्वी ने एक और बड़ा वादा किया। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए किसानों को बिजली पूरी तरह मुफ्त दी जाएगी। वर्तमान में राज्य सरकार किसानों से 55 पैसे प्रति यूनिट वसूलती है, लेकिन नई सरकार बनने पर यह खर्च सरकार खुद उठाएगी।
पैक्स को जनप्रतिनिधि का दर्जा देने का किया वादा
तेजस्वी यादव ने यह भी घोषणा की कि राज्य के 8463 पैक्स (व्यापार मंडल) को जनप्रतिनिधि का दर्जा दिया जाएगा। इसके साथ ही, धान और गेहूं जैसी फसलों के समर्थन मूल्य में अतिरिक्त राशि जोड़ने की भी बात कही, जिससे कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, तेजस्वी यादव का यह ऐलान महिलाओं, किसानों और सरकारी कर्मचारियों को साधने की कोशिश है। माना जा रहा है कि इन घोषणाओं से बिहार की चुनावी राजनीति को अंतिम चरण में नया मोड़ मिल सकता है।