चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के कच्छ जिले में जखौ बंदरगाह के नजदीक पहुंच चुका हैं और तट से टकराने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसकी रफ्तार 140 किमी प्रति घंटा तक जा सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के हिसाब से चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चक्रवात के खतरे को देखते हुए एजेंसियों को अलर्ट पर रख रखा गया है। विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, घने संवहनी बादलों के कच्छ और देवभूमि द्वारका जिलों में प्रवेश के बाद चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया शुरू हुई। यह मध्यरात्रि तक पूरी होगी।
बिपरजॉय ने गुजरात में तबाही मची हुई है। फिलहाल ये राजस्थान में एंट्री ले चुका है लेकिन गुजरात के कई हिस्सों में इसका असर अभी भी देखा जा सकता है। गुजरात में भारी नुकसान हुआ है। जगह-जगह पेड़ और खंभे गिर गए। तूफान के कारण भावनगर में 2 लोगों की मौत हुई। 22 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
आईएमडी ने दक्षिण राजस्थान में आज भारी बारिश की संभावना जताई गई है। चक्रवात के कारण कच्छ और सौराष्ट्र तटों के आसपास तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। राजस्थान में 16 और 17 जून को कई इलाकों में बारिश का रेड अलर्ट जारी कर दिया है। गुजरात के पूरे मांडवी में 18 घंटे से बिजली नहीं है। गुजरात के 8 जिलों में सेना, एयरफोर्स, नेवी, कोस्टगार्ड, NDRF, SDRF तैनात कर दिया गया है। गुजरात में NDRF के जवानों ने कच्छ के लखपत में सड़क पर गिरे पेड़ों को हटाने का अभियान चलाया।
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मौसम विभाग के हिसाब से देखा जाए तो चक्रवात की वजह से भारी बारिश होने की संभावना है और खगोलीय ज्वार पैदा होने की वजह से लहरें दो-तीन मीटर तक ऊंची उठ सकती है। चक्रवात की वजह से गुजरात के कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी जिलों में बाढ़ आने की भी संभावना जताई जा रही है। सावधानीपूर्वक इन जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और बीएसएफ के जवानों को अलर्ट पर रखा गया है, भारी बारिश और बाढ़ की संभावना को देखते हुए 8 जिलों से करीब 1 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, एनडीआरएफ की 15 टीमें, एसडीआरएफ की 12 टीमें राहत एवं बचाव कार्यो के लिए तैनात कर दी गई है।