रामानंद तिवारी, भोपाल
एमपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ( State President ) के चयन को लेकर रस्साकशी जारी है। कारण स्पष्ट है कि एक ही व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाना है, जबकि दावेदार अनेक हैं। ऐसी स्थिति में भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व दिग्गज दावेदारों की मंशा पर पानी फेरते हुुए किसी नए चौकाने वाले नाम की घोषणा कर सकता है। क्योंकि वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी करने वाले नेताओं में सभी मजे हुए खिलाड़ी है और इनकी संगठन में गहरी पैठ है।
State President के लिए आधा दर्जन नामों पर चर्चा
हालांकि, राजनीतिक हलकों में तो पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की ताजपोशी प्रदेश अध्यक्ष पद पर हो सकती है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ( State President ) के लिए आधा दर्जन नामों की चर्चा हैं। इनमें मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, कैलाश विजयवर्गीय, हेमंत खंडेलवाल, लाल सिंह आर्य, सुमेर सिंह सोलंकी, हिमाद्री सिंह साथ ही गोपाल भार्गव का नाम सामने आ रहा है। गौरतलब है कि 15 फरवरी तक प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन होना था। लेकिन ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के चलते यह प्रक्रिया एक बार टली गई थी। अब प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया मार्च के प्रथम सप्ताह में होगी। मप्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर ‘एक अनार सौ बीमार’ वाली स्थिति नजर आ रही हैं। इन दावेदारों के नामों पर संगठन के चुनाव अधिकारियों के अलावा केन्द्रीय नेतृत्व विचार कर रहा है। अब देखना है कि संगठन वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को फिर से अवसर देता है अथवा उनका दायित्व परिवर्तन कर मध्यप्रदेश में किसी और को यह जिम्मेदारी सौंपता है।
रेस में ब्राह्मण वर्ग के नेता सबसे ज्यादा
भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ब्राह्मण वर्ग से आते हैं, उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में ब्राह्मण वर्ग से जो नाम रेस में हैं, उनमें पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं गोपाल भार्गव का नाम सामने आ रहा है। जातिगत समीकरणों की बात करें तो फिलहाल मोहन कैबिनेट में सबसे कम भागीदारी ब्राह्मण वर्ग को मिली है। जिसमें सिर्फ दो मंत्री शामिल हैं। ऐसे में एक बार फिर से इस वर्ग को प्रदेश भाजपा की कमान मिल सकती है।
रस्मअदायगी के बाद घोषणा करेगा केन्द्रीय नेतृत्व
नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा से पूर्व पर्यवेक्षक संगठन एवं सभी दिग्गजों से रायशुमारी करेंगे। अब माना जा रहा है कि मार्च के पहले हफ्ते में नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुनाव होंगे, इसकी संभावना ना के बराबर है। क्योंकि भाजपा ने अभी तक संगठन के चुनाव में जो भी निर्णय लिए वे चुनाव के बजाय रायशुमारी से ही लिए है। ऐसी स्थिति में प्रदेश अध्यक्ष का चयन भी चुनाव की जगह संभवत: रायशुमारी के आधार पर ही होगा। जिसका फैसला केन्द्रीय नेतृत्व ही करेगा। मार्च के प्रथम सप्ताह में प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए बनाए गए पर्यवेक्षक धर्मेन्द्र प्रधान भोपाल पहुचेंगे। पर्यवेक्षक नेताओं से रायशुमारी करेंगे।
इसके बाद अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।