बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंडिया गेट का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने सोमवार को पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर इस स्मारक का नाम बदलकर ‘भारत माता द्वार’ करने की अपील की है। उनका कहना है कि नाम परिवर्तन से शहीदों को सही मायने में श्रद्धांजलि अर्पित की जा सकेगी और यह भारत की समृद्ध संस्कृति और महान राष्ट्रप्रेम को भी श्रद्धांजलि होगा।
पत्र में सिद्दीकी ने लिखा, “आपके नेतृत्व में देशवासियों में राष्ट्रप्रेम और भारतीय संस्कृति के प्रति अपार सम्मान और समर्पण की भावना पैदा हुई है। आपने इस दौरान गुलामी के प्रतीकों से छुटकारा पाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।”
बीजेपी नेता ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में मुग़ल आक्रांताओं और अंग्रेजों द्वारा दी गई दर्दनाक छापों को धोने का काम किया गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे “औरंगजेब रोड” का नाम बदलकर “एपीजे अब्दुल कलाम रोड” किया गया, इंडिया गेट पर लगी “किंग जॉर्ज पंचम” की मूर्ति को हटाकर “सुभाष चंद्र बोस” की मूर्ति स्थापित की गई और राजपथ का नाम बदलकर “कर्तव्य पथ” किया गया, ताकि भारत की संस्कृति और गौरव से जोड़ा जा सके।
सिद्दीकी ने अपनी मांग को सशक्त करते हुए कहा, “इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार रखने से वहां दर्ज हजारों शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकेगी।”
इंडिया गेट, जो ब्रिटिश काल में इंपीरियल वॉर ग्रेव्स कमीशन द्वारा बनाए गए युद्ध स्मारकों का हिस्सा था, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मारे गए भारतीय सैनिकों की याद में स्थापित किया गया था। इसका उद्घाटन 1931 में लार्ड इरविन द्वारा किया गया था। यह स्मारक न केवल भारतीयों बल्कि विदेशियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है, और हर साल दुनियाभर से पर्यटक इसकी भव्यता देखने आते हैं।