स्वतंत्र समय, भोपाल
विधानसभा सत्र में करीब एक दर्जन विधायकों ने नल जल मिशन ( Jal Jeevan Mission ) के कार्यों को लेकर घटिया और देरी से कार्य के आरोप लगाए। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ के बाद केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना हर घर को नल से जल में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार अपने ही दल के विधायकों के आरोपों से घिर गई। भाजपा विधायकों ने ही कहाकि अधिकांश कार्य अधूरे हैं और नलों से पानी अब तक शुरू नहीं हुआ है। भाजपा विधायकों के इन सवालों को लेकर विपक्ष ने हर विधानसभा क्षेत्र में 200-300 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते जमकर हंगामा किया। बड़े स्तर की जांच की मांग करते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
Jal Jeevan Mission को लेकर भाजपा के विधायकों ने ही सवाल उठाए
विधानसभा में शुक्रवार को नल जल मिशन ( Jal Jeevan Mission ) से जुड़े सवाल उठाए गए। खासबात यह है कि इस योजना को लेकर विपक्ष से ज्यादा भाजपा के विधायकों ने सवाल उठाए। प्रश्नकाल में सदन में उठाए गए 25 में से 12 प्रश्र नल जल मिशन में गड़बड़ी को लेकर थे। इनमें से भी नौ प्रश्र भाजपा विधायकों ने ही उठाए थे। पीएचई विभाग के प्रश्नों के जवाब संसदीय कार्यंत्री कैलाश विजयवर्गीय दे रहे थे। भाजपा के सतीश मालवीय, हरदीप सिंह डंग, प्रभुराम चौधरी, कालूसिंह ठाकुर, संजय पाठक आदि ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि दस साल से ज्यादा हो गए हैं। कहीं भी काम पूर्ण नहीं हुआ है।
भोपाल से टीम भेजकर जांच कराने की मांग
सदन में बताया जा रहा है कि काम हो चुका है और नलों से जल भी मिलने लगा है। जबकि ठेकेदारों ने आधा अधूरा काम किया है, वह भी गुणवत्ताहीन है। 80 फीसदी से ज्यादा योजनाएं बंद हैं। पाइप ऊपर ही पड़े हैं, खुदाई भी की है तो बहुत कम। खुदाई के बाद सडक़ें नहीं बनाई गईं। अधिकांश भाजपा विधायकों ने भोपाल से अधिकारियों की टीम भेजकर जांच कराने की मांग उठाई। भाजपा विधायकों के सवालों को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहाकि नल जल योजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। हर विधानसभा में 200 से 300 करोड़ के घोटाले हैं। पूरे प्रदेश का मामला है, सरकार को बड़े स्तर से जांच कराना चाहिए। उन्होंने अध्यक्ष से मांग करते हुए कहाकि आपकी ओर से इस संबंध में निर्देश दिए जाना चाहिए। अध्यक्ष नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर ने कहाकि प्रश्नकाल चल रहा है, बैठ जाइए। इस पर आरोपों को लेकर हंगामा शुरू हो गया। दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक होती रहे। जांच की घोषणा न होने पर कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।