दिल्ली-बिहार जीत की भाजपा रणनीति, विपक्षी खेमे में बढ़ी हलचल

दिल्ली-बिहार : भाजपा ने इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्वांचल के लोग रहते हैं, इसी वजह से भाजपा ने उन्हें अपनी चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा बनाया है। पार्टी ने दिल्ली के उन इलाकों में जिनमें पूर्वांचली लोग ज्यादा हैं, अपने नेताओं को भेजना शुरू कर दिया है।

वहां कार्यकर्ता हर व्यक्ति से मिलकर उनके गांव-परिवार की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। भाजपा का फोकस अब सिर्फ बिहार में रैली या पोस्टर लगाने तक नहीं है, बल्कि दिल्ली के सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्तों के जरिए भी बिहार में असर डालना है। पूर्वांचल मोर्चा को इस काम की खास जिम्मेदारी दी गई है।

भाजपा का पूर्वांचल मिशन

पूर्वांचल मोर्चा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि भाजपा के कार्यकर्ता परिवारों से मिलकर जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं कि वे बिहार के किस जिले, कस्बे और गांव से हैं। साथ ही, उनके परिवार के लोगों जैसे माता-पिता, भाई-बहन, चाचा-मामा के मोबाइल नंबर, गांव और पंचायत की जानकारी भी ली जा रही है। इस जानकारी के बाद भाजपा का IT सेल एक कॉल सेंटर तैयार कर रहा है, जो गांव वालों से सीधे बात करेगा और भाजपा के लिए माहौल बनाएगा। यह अभियान भावनाओं पर भी जोर देता है। मनोज तिवारी जैसे बड़े नेता भी मदद कर रहे हैं।

भाजपा का सियासी मोर्चा: बदलाव और योजनाएं

प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के नेताओं के अनुसार, दिल्ली में रहने वाला हर बिहार से आने वाला व्यक्ति अपने गांव में लगभग 5 से 10 लोगों को राजनीति में प्रभावित करता है। इसी लिहाज से पार्टी ने हर परिवार को एक पोलिंग बूथ के रूप में देखा है। इस योजना के तहत, पूर्वांचल मोर्चा के कार्यकर्ता उन इलाकों में जा रहे हैं जहां बिहार से आए परिवार ज्यादा हैं। वे खासकर संगम विहार, करावल नगर, बदरपुर, लक्ष्मी नगर, पालम, बवाना, किराड़ी, बुराड़ी, विकासपुरी और द्वारका जैसे क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय हैं।