Black box खोलेगा अहमदाबाद प्लेन क्रेश का राज, क्यों हादसे के बाद सबसे पहले होती है इसी की तलाश!

गुजरात के अहमदाबाद में एक दिल दहला देने वाला विमान हादसा हुआ। जिसमें B787 विमान VT-ANB जो लंदन के लिए उड़ान भर चुका था, टेक-ऑफ के महज 5 मिनट बाद ही क्रैश हो गया। विमान में 242 लोग सवार थे। दोपहर 1:38 बजे उड़ान भरने वाला ये विमान जैसे ही हवा में गया, वैसे ही संकट के बादल गहराने लगे और चंद मिनटों में ही जमीन से टकरा गया। जैसे ही यह भयावह खबर सामने आई, BSF और NDRF की टीमें मौके पर पहुंच गईं और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। लेकिन हर किसी की नजर एक चीज पर टिकी थी वह था ब्लैक बॉक्स Black box

हादसे की सच्चाई का बनता है गवाह
हर विमान हादसे के बाद सबसे पहले जिस चीज की खोज होती है, वो है ब्लैक बॉक्स। यह कोई आम डिवाइस नहीं, बल्कि हादसे की असली वजह बताने वाला सबसे अहम सुराग होता है। इसमें लगने वाले दो डिवाइसों के जरिए जांचकर्ता यह पता लगाते हैं कि हादसा तकनीकी खराबी, मानवीय भूल, या किसी अन्य कारण से हुआ।
ब्लैक बॉक्स असल में दो हिस्सों से मिलकर बना होता है
FDR (Flight Data Recorder) – यह डिवाइस प्लेन की गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति, नेविगेशन डेटा और पायलट की हर तकनीकी क्रिया को रिकॉर्ड करता है।
CVR (Cockpit Voice Recorder) – कॉकपिट में पायलट और को-पायलट के बीच की बातचीत, अलार्म्स और अन्य अहम साउंड्स को रिकॉर्ड करता है।
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आग और पानी का नही होता है असर
ब्लैक बॉक्स को इस तरह से बनाया जाता है कि वो भीषण आग, गहराई वाला पानी, और भारी दबाव भी सह सके। ये डिवाइस न सिर्फ प्लेन के आखिरी पलों को रिकॉर्ड करता है, बल्कि उन अनसुनी बातों को भी सामने लाता है, जो कॉकपिट के दरवाजों के पीछे छुपी होती हैं। इसीलिए हर बार जब कोई विमान क्रैश होता है, तो ब्लैक बॉक्स की तलाश एक दौड़ में बदल जाती है। क्योंकि यही एक डिवाइस है जो सच बोलता है, और जिंदगियों के पीछे छिपे सवालों का जवाब देता है।