स्वतंत्र समय, इंदौर
ब्लूमबर्ग ( Bloomberg ) के पीड़ित जो रजिस्ट्री वाले हैं, या वह जो डायरी लेकर इधर-उधर धूम रहे हैं, उन सबको जिला प्रशासन राहत देने की तैयारी में है। कॉलोनी की पूरी हिस्ट्री निकालकर प्लाटधारियों की सूची बनाई जा रही है, जिसके आधार पर लोगों को प्लॉट दिलाए जाएंगे।
Bloomberg के प्लाटधारकों को नहीं पता उनके प्लॉट
ब्लूमबर्ग ( Bloomberg ) कॉलोनाइजर प्रफुल्ल सकलेचा ने सुपर कॉरिडोर के पास जो कॉलोनी काटी थी, उसमें जिन लोगों को प्लॉट दिए थे, उनमें से कुछ की रजिस्ट्री हो गई है, लेकिन रजिस्ट्री वाले प्लाटधारकों को भी यह पता नहीं है कि उनका प्लॉट कहां है। जिला प्रशासन के अधिकारी कालोनी सेल विभाग के जरिए पीडि़तों की तीन केटेगरी में सूची बना रही है। पहले, वो लोग हैं जिनके प्लॉट की रजिस्ट्री तो हो गई है, लेकिन मौके पर कब्जा नहीं मिला है। दूसरे, वो लोग हैं जिनका पैसा पूरा ले लिया गया, लेकिन रजिस्ट्री नहीं की गई। तीसरे, वो लोग हैं जो डायरी लेकर घूम रहे हैं। कॉलोनाइजर सकलेचा को अंतिम नोटिस जारी किया जाएगा। उसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर ही नक्शे से मिलान करके लोगों को प्लॉट देंगे। सकलेचा ने कॉलोनी के दो- तीन नक्शे बना रखे हैं जिसमें अलग-अलग प्लॉट दिखाए गए। ऐसे सभी नक्शों का मिलान किया जा रहा है। टाउन एंड कंट्री प्लॉनिंग विभाग से जो नक्शा मंजूर कराया गया था उसमें भी, बाद में कॉलोनाइजर ने हेर-फेर कर दिया। टाउन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग से नक्शे मांगे हैं, गिरबी रखे गए प्लॉटों की भी जानकारी मांगी जा रही है। जिनको भी ब्लूमबर्ग कालोनी में प्लॉट नहीं मिले हैं, या जो डायरी लेकर घूम रहे हैं, वे सभी पीडि़त सीधे कलेक्टर आशीष सिंह या कालोनी सेल के प्रभारी एसडीएम प्रदीप सोनी को मय दस्तावेज शिकायत कर सकते हैं।
जो लोग शिकायत नहीं करेंगे उनका नहीं होगा निराकरण
सकलेचा, भाजपा नेताओं के हवाई यात्राओं का इंतजाम करता रहा है। कुछ भाजपा नेताओं ने सकलेचा के ऑफिस में अभी भी गुर्गे बिठा रखे हैं, जो लोगों को डराते धमकाते रहते हैं। इसलिए पीडि़तों को अब सकलेचा के आफिस जाने के बजाय कलेक्ट्रेट दफ्तर में जाकर शिकायत करना चाहिए। जिला प्रशासन के अफसरों का साफ कहना है कि जो लोग शिकायत नहीं करेंगे उनका निराकरण नहीं होगा। इसलिए सभी लोगों को शिकायत करना जरूरी है। सकलेचा अभी भी कार्रवाई रुकवाने के तमाम प्रयास कर रहा है। जो भाजपा नेता, अफसरों पर दवाब डालकर कार्रवाई रुकवाना चाहते हैं, उनकी भी दाल अब नहीं गल रही है। कहा जा रहा है कि, सकलेचा इस मुहीम को प्रभावित करने के लिए आखिरी कोशिश में लगा है।