देश में हाई अलर्ट जारी है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सख्त निर्देश जारी किए हैं—सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य होनी चाहिए। ज़रूरत पड़ने पर सिविल डिफेंस नियमों के तहत विशेष आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार दूसरे दिन भी टकराव की स्थिति में पहुंच गया है। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में मिसाइल और हवाई हमले किए, लेकिन भारत पूरी तरह तैयार था। अत्याधुनिक S-400 डिफेंस सिस्टम ने हर हमले को हवा में ही नाकाम कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के दो लड़ाकू विमान—F-16 और JF-17—को मार गिराया। साथ ही, लाहौर, कराची और रावलपिंडी में तैनात पाकिस्तानी HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को भी ध्वस्त कर दिया गया है।
प्रादेशिक सेना नियम के अधिकार दिए
इस बीच, रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए सेना प्रमुख को “प्रादेशिक सेना नियम, 1948” के तहत अधिकार सौंपे हैं, जिसके तहत वे टेरिटोरियल आर्मी के अफसरों और जवानों को तत्काल ड्यूटी पर तैनात कर सकते हैं।
आंतरिक सुरक्षा भी सख्त
गुजरात में 15 मई तक सभी प्रकार के पटाखों और ड्रोन्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पंजाब के फरीदकोट और राजस्थान के जैसलमेर में भी पटाखों पर पूर्ण रोक लगा दी गई है।
दिल्ली में हाई-टेक चेतावनी प्रणाली सक्रिय
ITO स्थित PWD बिल्डिंग पर लगाया गया शक्तिशाली सायरन अब 8 किलोमीटर तक सुनाई देगा। उपमुख्यमंत्री परवेश वर्मा ने घोषणा की है कि राजधानी की सभी ऊंची इमारतों पर ऐसे सायरन लगाए जाएंगे। पहले चरण में 40–50 सायरन लगाए जा रहे हैं।
राष्ट्र सेवा की नई मिसाल
भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने अपने 6 लाख मालवाहक वाहनों को युद्धकाल में निःशुल्क सेवाएं देने के लिए समर्पित कर दिया है। एसोसिएशन के चेयरमैन रणबीर सिंह ने कहा, “देश के लिए कुछ करने का इससे बड़ा मौका नहीं हो सकता। भारत ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अगर उकसावे बंद नहीं हुए, तो अगली प्रतिक्रिया और भी ज़्यादा निर्णायक और करारी होगी।