Boring Scam : अब निगम में 65 करोड़ का जीआई पाइप घोटाला

स्वतंत्र समय, इंदौर

फर्जी भुगतान घोटाले के बाद अब इंदौर नगर निगम का नया सरकारी बोरिंग घोटाला ( Boring Scam ) सामने आया हैं। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में नगर निगम के घोटालों का रिकॉर्ड बनता जा रहा हैं। इस घोटाले में नगर निगम के अधिकारियों एंव बोरिंग मेंटेनेंस करने वाले ठेकेदार की फ़र्म ने करोड़ों का भ्रष्टाचार किया हैं।

Boring Scam में लोहे के पाइप गायब कर पीवीसी पाइप डाल दिए

मप्र कांग्रेस कमेटी महासचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया कि इंदौर में 5 हज़ार 500 सौ से ज्यादा सरकारी बोरिंग में जीआई(लोहे के पाइप) ग़ायब करके पीवीसी पाइप बोरिंगों में रातों रात पिछले पॉंच सालों में डाल दिये गये हैं। इस घोटाले ( Boring Scam ) को मूर्तरूप नगर निगम में भ्रष्ट अधिकारियों एंव बोरिंग मेंटेनेंस के लिए निर्धारित कांट्रेक्टर फर्म ने मिलकर किया हैं।पिछले पॉंच साल से एक ही बोरिंग ठेकेदार बोरिंग सुधारने, समर्सिबल पंप रिपेयर करने एंव नया समर्सिबल पंप डालने,केबल बदलने सहित लोहे के पाइप ग़ायब करके पीवीसी पाइप लगाकर डबल मुनाफ़े का खेल चोरी और लूट के साथ किया गया हैं एवं निरंतर जारी है। उल्लेखनीय हैं की आमतौर पर एक सरकारी बोरिंग में लगभग 30 जीआई पाइप दो इंच डाया के सरकारी बोरिंगों में पानी खींचने के लिए बोरिंग में डाले जाते हैं। एक पाइप की लम्बाई 20 फि़ट होती हैं।एक पाईप लगभग 28 किलो का होता हैं। इस तरह कुल 30 पाईप मिलाकर 840 किलो होते हैं। उल्लेखनीय हैं की इंदौर नगर निगम के 5,500 से ज़्यादा बोरिगों में ग्लवेनाइज्ड जीआई (स्टील पाईप) डाले गये थे। बोरिंग मेंटेनेंस करने के लिए एक ही ठेकेदार को इंदौर नगर निगम ने अवैध तरीक़े से पिछले पॉंच साल से ठेका दे रखा हैं। जिनका कार्य बोरिंग खऱाब होने पर समर्सिबल पंप को सुधारना या बोरिंग में पाइप बढ़ाने की आवश्यकता हो तो पाइप बढ़ाने का कार्य करके बोरिंग का मेंटेनेंस करने के साथ नया समर्सिबल पंप एंव केबल डालना हैं।

सरकारी बोरिंग से पाइप निकालकर ही बेच डाले

कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव के अनुसार नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने बोरिंग मेंटेनेंस करने वाले ठेकेदार के साथ मिलकर इंदौर नगर निगम के सरकारी बोरिंगों से लोहे के पाइप निकालकर बेच दिये हैं। सरकारी बोरिंग के जीआई पाईप बेचने के बाद इनकी जगह नया बजट स्वीकृत कराकर दो इंच के पीवीसी पाईप बोरिंग में डाल दिये दिये हैं।बोरिंग से निकाले गये लोहे के पाइपों को चोरी से ठेकेदार और जल यंत्रालय के निगम अधिकारियों ने 45/- किलो के रेट से बेचकर एक बोरिंग में लगभग 30 पाइप एंव 4000 से ज़्यादा बोरिंग के लगभग 1,20,000 हज़ार पाईप लगभग 33,60,000/- किलो पाइप चोरी से बेचकर 15 करोड़ 12 लाख रूपयों से ज़्यादा का घोटाला एंव भ्रष्टाचार किया हैं। इसके साथ ही इंदौर की जनता को दोहरी मार मारकर बोरिंगों से लोहे के पाइप निकालकर पीवीसी पाइप बोरिगों में डालने के लिए एक बोरिंग में 20 फि़ट पाइप की क़ीमत 1600/- है।इसका तात्पर्य ऊपर के ऑंकडो अनुसार लगभग 19 करोड़ 20 लाख के नये पीसीसी पाइप खऱीदकर बोरिंगों में डाले गये हैं एंव बोरिंग में पाईप डालने और निकालने में लगभग 5 करोड़ की राशि अतिरिक्त लूटी गई हैं।जिसकी आवश्यकता ही नहीं थी।इस घोटाले में पाइप के साथ समर्सिबल पंप ,केबल ,स्टार्टर भी डुप्लीकेट लगाकर असल बेच खायें हैं। बोरिंग मेंटेनेंस एंव नयी डुप्लीकेट समर्सिबल पंप डालने एंव केबल ,पाईप ,स्टार्टर की राशि भी लगभग 30 करोड़ से अधिक लूटी गई हैं। पिछले पॉंच साल में जल यंत्रालय प्रभारी संजीव श्रीवास्तव एंव हुल्लास जैन ने मिलकर 65 करोड़ नगर निगम से लूटे हैं। नगर निगम में करोड़ों के घोटाले में नगर निगम जल यंत्रालय प्रभारी संजीव श्रीवास्तव सीधे तौर पर शामिल हैं।दस वर्षों से अधिक समय से नगर निगम में पीएचई विभाग में क़ब्ज़ा कर रखा हैं।अनेक सरकारें और नेता आये और गये लेकिन इस अधिकारी को कोई हिला न सका। इसके साथ सरकारी बोरिंग में करोड़ों का घोटाला करने वाला हुल्लास जैन ठेकेदार बराबर का पार्टनर हैं। दोनों मिलकर पॉंच साल से नगर निगम को लूट रहें हैं।इस भ्रष्टाचार में कौन कौन से भाजपा नेता शामिल हैं यह जांच का विषय हैं।

कांग्रेस महासचिव यादव ने पांच बिंदुओं के आधार पर शिकायत दर्ज कराई…

(1) जल यंत्रालय प्रभारी संजीव श्रीवास्तव एंव हुल्लास जैन की संपत्तियों एंव बैंक एकाउन्ट की जॉंच पिछले पॉंच वर्षों से की जाये।दोनों के फ़ोन कॉल हिस्ट्री निकाली जायें।
(2) सरकारी बोरिंग मेंटेनेंस के नाम पर पॉंच साल से बिना टेंडर हुल्लास जैन कैसे काम कर रहा हैं।इसकी जॉंच करायी जायें।एक ही ठेकेदार को सारे शहर के सरकारी बोरिंग का कार्य क्यों और किसके कहने पर दिया गया हैं,इसकी जॉंच की जाये ।
(3) सरकारी बोरिंग से जीआई पाइप निकालकर कबाड़ में खऱीदने वाले के खिलाफ एंव ठेकेदार हुल्लास जैन के खिलाफ एफ़आइआर दर्ज करके जॉंच कमेटी बनाकर जॉंच शुरू की जाये।
(4) भ्रष्ट अधिकारियों एवं ठेकेदार हुल्लास जैन द्वारा 4 हज़ार से ज़्यादा बोरिगों के पाइप बेचने के साथ ही अमानक लोकल समर्सिबल पंप डालकर कंपनी का ग्यारंटेड समर्सिबल पंप भी बेच दिया हैं। इसके साथ ही केबल भी बदल दी गई हैं। ब्रांडेड केबल को निकालकर लोकल केबल डाल दी गई हैं।ब्रान्डेड केबल चोरी से बेच दी गई हैं। सारा घोटाला लगभग 65 करोड़ से ज़्यादा का हैं।इसकी जॉंच बोरिगों का भौतिक सत्यापन करके विडियो रिकार्डिंग कराने के साथ ही जियो टैंगिग भी की जाये।
(5) जल यंत्रालय के अनेक अधिकारी एंव उपयंत्री इस बड़े घोटाले के गवाह हैं। इसलिए जल यंत्रालय नगर निगम के अपर आयुक्त देवधर दरवाई, अधिकारी अमित दुबे, अदिति कटारिया, अधिकारी सुनील गुप्ता, निहाल शुक्ला, उपयंत्री आकाश जैन, पीसी जैन,अधिकारी, सुमित अष्ठाना, आर.एस. देवड़ा, जितेंद्र जमींदार, उजमा खान, कशिश मोरे के खिलाफ भी एफ़आइआर दर्ज की जाये।

पाइप चोरी की रिपोर्ट तक नहीं दर्ज कराई

इंदौर नगर निगम ने जब सरकारी बोरिंग कराये थे तब समर्सिबल पंप टेक्समो,लूबी,किलोस्कर,वी गार्ड एंव क्रॉम्पटन कंपनी के द्बह्यद्ब मार्का वाले लगाये गये थे जिनकी सर्विस की ग्यारंटी भी कंपनी द्वारा दी जाती हैं लेकिन निगम के भ्रष्ट अधिकारियों एंव ठेकेदार ने मिलकर लगभग चार हज़ार से ज़्यादा समर्सिबल पंप निकाल कर बेचने के बाद नया बजट लेकर डुप्लीकेट समर्सिबल पंप लगा दिये। दोनों तरफ़ से भ्रष्टाचारियों ने मुनाफ़ा खाया है। आश्चर्यजनक बात यह हैं की इंदौर नगर निगम के रिकॉर्ड में एक भी पाईप निकालकर स्क्रेप में बेचने का दर्ज नहीं हैं। अधिकतर बोरिंग ठेकेदारों ने पाइप निकालकर कबाड़ में निगम अधिकारियों के साथ मिलकर बेच खाये हैं। जब ठेकेदारों और कुछ अधिकारियों से पूछा गया तब उनका कहना था कि पाइप निकालकर रखे थे चोरी हो गये। जब इन भ्रष्टाचारियों से पूछा गया की सरकारी बोरिंग के पाइप चोरी होने की एफ़आइआर दर्ज करायी गई तब जवाब मिला की चोरी की एफ़आइआर दर्ज नहीं करायी गई हैं। इसका मतलब साफ़ हैं की सुनियोजित षड्यंत्र रचकर करोड़ों का घोटाला किया गया है।