बीपीओ को किराए में मिलेगी सरकार की मदद, नई आईटी नीति में मिलीं कई सहूलियतें

साल 2016 में बनी आईटी पाॅलिसी के 8 साल बाद अब मप्र में नई आईटी नीति लागू होगी। बदलते वक़्त को देखते हुए इस पाॅलिसी में कई परिवर्तन हुए हैं। अब किराए के परिसरों में चलने वाले आईटी फर्म को सरकार किराए में सहायता करेगी। आईटी फर्म के लिए 200 करोड़ से ज़्यादा के निवेश पर सरकार खास पैकेज बनाकर देगी।

नई नीति अक्टूबर 2023 में लागू हुई थी। मंगलवार को कैबिनेट ने इसमें संशोधन को सहमति दे दी। हाल ही में इसके दिशा-निर्देश जारी हुए थे। अब कैबिनेट की सहमति के बाद तय वक़्त सीमा में निवेशक नई पाॅलिसी का लाभ ले सकते है। नई नीति में आईटी निवेशकों को मार्केटिंग-क्वालिटी सर्टिफिकेशन में सरकार सहायता करेगी। स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन में छूट देंगे। कुल मिलाकर आईटी क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। प्राइवेट डेवलपर भी सर्व सुविधायुक्त आईटी पार्क बनाएंगे। यानी पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर तैयार करेंगे। निवेशक सीधे आकर काम शुरू कर सकेंगे। मंजूरी लेने में वक़्त बर्बाद नहीं होगा।

पहले एक एकड़ जमीन के लिए 100 नौकरी देना जरूरी था

पहले सस्ती जमीन लेने पर तय संख्या में नौकरियां देने की बाध्यता थी, जो इस पाॅलिसी में हट गई। सीधे 75% लैंड सब्सिडी मिलेगी। पहले जितनी नौकरियां पैदा होनी थीं, उसके आधार पर सस्ती जमीन मिलती थी। 1 एकड़ जमीन के लिए 100 नौकरियां देना आवश्यक था, आईटी इनेबल्ड सर्विस यूनिट में 1 एकड़ में 150 नौकरियां तो इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में प्रति एकड़ 50 नौकरियां देना आवश्यक था। अब आईटी कंपनियां सुविधा से जमीन ले सकेंगी। 2016 की पाॅलिसी में किराए की मदद का नियम नहीं था। सिर्फ स्थापना में पूंजीगत मदद मिलती थी।

डाटा सेंटर को पहले पूंजीगत खर्चों में सब्सिडी नहीं थी, अब दी गई है। नई पाॅलिसी में प्लग एन प्ले आईटी पार्क बनाने प्राइवेट डेवलपर्स को बढ़ावा दिया जाएगा। निवेश की पूरी प्रोएसस ऑनलाइन होगी। पहले ज़्यादातर 25 एकड़ तक जमीन दे सकते थे, अब उपलब्धता के आधार पर बड़ी जमीन दे सकेंगे।

बड़े निवेश के लिए विशेष पैकेज मिलेगा

आईटी में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार इन सुविधाओं के अतिरिक्त दूसरी मांगी गई सुविधाएं और छूट भी खास पैकेज में देगी। आईटी फर्म के लिए 200 करोड़ से ज़्यादा, ईएसडीएम 300 करोड़ से ज़्यादा और डाटा सेंटर में 500 करोड़ रुपए से ज़्यादा निवेश तो सरकार ऐसे पैकेज देगी। नई नीति में लैंड अलॉटमेंट के लिए ओपन टेंडर होंगे।