सुप्रीम कोर्ट पहुंचा BPSC विवाद, परीक्षा रद्द करने की याचिका दाखिल

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रीलिम्स परीक्षा को लेकर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें परीक्षा रद्द करने और इसके आयोजन में हुई धांधली की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों—जिले के एसपी और डीएम—के खिलाफ कार्रवाई की अपील भी की गई है।

सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की अपील

शनिवार को दाखिल याचिका में परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते हुए मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में सीबीआई से कराने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि छात्रों के अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने यह याचिका 7 जनवरी, 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का भरोसा दिया है।

13 दिसंबर की परीक्षा में गड़बड़ी

गौरतलब है कि 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित BPSC की पीटी परीक्षा में पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर गंभीर अनियमितताएं सामने आई थीं। इसके बाद आयोग ने उस केंद्र की परीक्षा को रद्द कर दिया था। अब पटना के 22 परीक्षा केंद्रों पर दोबारा परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।

छात्रों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रशांत किशोर का बड़ा आरोप

छात्र आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जन सुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर ने परीक्षा में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “परीक्षा में आधे से ज्यादा सीटें भ्रष्टाचार के कारण बेची जा रही हैं। योग्य छात्रों को उनकी मेहनत का फल नहीं मिल रहा है। हर जिले में खबर फैली है कि एक नौकरी के लिए 30 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक की डील हो रही है।”

प्रशांत किशोर ने आंदोलन को लेकर सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “सरकार को इस गंभीर मामले पर जवाब देना चाहिए, लेकिन नीतीश कुमार केवल सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं।”

अनशन के चौथे दिन भी डटे प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है, जो रविवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया। उन्होंने कहा, “हम बिहार के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। सरकार अपने कर्तव्यों में असफल है, लेकिन हमारा अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय नहीं मिलता।”

सरकार की कार्यशैली पर सवाल

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर तीखा हमला करते हुए कहा, “वे केवल सत्ता में बने रहना चाहते हैं। कोविड काल में भी बिहार की जनता की मदद करने में असफल रहे। उन्हें केवल अपनी कुर्सी की चिंता है, जनता की नहीं।”

इस आंदोलन में 3.5 लाख से अधिक छात्र सक्रिय हैं और सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं। छात्रों का कहना है कि अगर परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं होगी तो उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।