Breaking News: दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो साल बाद राहत, कोर्ट ने दी जमानत

Breaking News: दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने यह जमानत ट्रायल में प्रगति न होने के आधार पर दी है। सत्येंद्र जैन को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित आरोपों का है, जिसमें पहले उन्हें गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अब कोर्ट ने जमानत के लिए राहत प्रदान की है।

सत्येंद्र जैन को मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में, उन्हें स्वास्थ्य कारणों के आधार पर जमानत मिल गई थी, और वे 10 महीने तक बेल पर रहे। हालांकि, इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें तिहाड़ जेल में सरेंडर करने का आदेश दिया। सत्येंद्र जैन ने इस आदेश का पालन करते हुए 18 मार्च 2024 को सरेंडर कर दिया। अब, कोर्ट ने ट्रायल में प्रगति की कमी को देखते हुए उन्हें फिर से जमानत दी है।

सत्येंद्र जैन की जमानत का आम आदमी पार्टी (AAP) पर महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रभाव हो सकता है, खासकर दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच। जैन की रिहाई ऐसे समय में आई है जब AAP के अन्य प्रमुख नेता, जैसे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, और संजय सिंह को पहले ही राहत मिल चुकी है। पार्टी के सभी शीर्ष नेता अब जेल से बाहर हैं, जिससे AAP की चुनावी रणनीति पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।

इस जमानत से पार्टी को आंतरिक रूप से स्थिरता मिल सकती है और नेताओं का फोकस चुनावी अभियानों और राजनीतिक कार्यक्रमों पर बेहतर तरीके से केंद्रित हो सकेगा। विपक्ष इस स्थिति को लेकर अपनी रणनीति बनाने की कोशिश करेगा, लेकिन AAP के लिए यह एक राहत का समय है, जो चुनावी माहौल में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने में सहायक हो सकता है।

सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 30 मई 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था, जो 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी से संबंधित था। इस मामले में विशेष जज राकेश सयाल ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा था। जैन के वकील ने तर्क दिया कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा, जबकि ईडी ने इसका विरोध किया। ईडी का कहना था कि यदि जैन को रिहा किया गया, तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है। अदालत ने विभिन्न पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद, अंततः जैन को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।