इलाज में लापरवाही और दवाइयों के अव्यवस्थित भंडारण पर इंदौर में हर्ष क्लिनिक को किया सील 

Indore News : छिंदवाड़ा में जहरीली कप सिरप से कई मासूम बच्चों की मौत के बाद इंदौर में कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर प्रतिबंधित कप सिरप के परीक्षण का अभियान शहर के दवा बाजार में लगातार जारी है। हाल ही में इलाज में लापरवाही और दवाइयों के अव्यवस्थित भंडारण होने के हर्ष क्लिनिक को सील किया गया है।

साथ ही अन्य अनियमितताएं पाए जाने पर हर्ष क्लिनिक पर कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देशों पर कार्यवाही की गई है। साथ ही इंदौर में अवैध रूप से संचालित अस्पतालों और बगैर डिग्री के इलाज करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश कलेक्टर ने जारी कर दिये है।

सूत्रो के अनुसार बताया जा रहा है कि इंदौर में मंजू नामक एक महिला की मौत के मामले में सोमवार रात खातीवाला टैंक पर मौजूद हर्ष क्लिनिक पर ढाई घंटे से ज्यादा हंगामा चला। जिससे स्वास्थय विभाग हरकत में आ गया। गौरतलब है कि विभाग ने जब हर्ष क्लिनिक में जांच की तो पता चला कि क्लिनिक के नाम पर 15 बेड लगाकर नर्सिंग होम जैसी सेवाएं दी जा रही थी। चौंकाने वाली बात तो ये है कि इस क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन डॉ. ज्ञानचंद पंजवानी के नाम से है, लेकिन तीन महीने से उनके स्थान पर असिस्टेंट ही क्लिनिक का संचालन कर रहा था।

मंगलवार शाम इंदौर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ड्रग इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे और क्लिनिक को सील कर दिया गया है। फिल्हाल, स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच मे जुटी है कि क्लिनिक में महिला के इलाज के बाद उसकी तबीयत कैसी बिगड़ी और किन परिस्थितियों में उसकी मौत हुई है। सीएमएचओ डॉ. माधव हसानी के अनुसार प्रारंभिक तौर पर बड़ी खामियां पाई गई है।

वहीं मृतक महिला के परिजनों का आरोप है कि उसका गलत उपचार होने के कारण मौत हो गई। साथ ही उसके परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर की डिग्री पाकिस्तान की है। डॉ. पंजवानी की डिग्री ज्ञानचंद पंजाबी के नाम से है लेकिन वे बीते सालों में फर्जी तरीके से डॉ. ज्ञानचंद पंजवानी नाम का उपयोग कर रहे हैं। वहीं इस पर डॉ. पंजवानी ने कहा कि उनके पास पाकिस्तानी डिग्री होने के झूठे आरोप लगे है। मेरी डिग्री वैध है और मेरे पास 38 साल प्रैक्टिस का अनुभव है।

उन्होंने कहा कि 18 सिंतबर को मंजू नामक महिला के परिजन उसे लेकर क्लिनिक आए थे। महिला मनोरोगी थी, उसका प्रारंभिक इलाज किया गया था। जिसके बाद उसके परिजन ने उसे एक अन्य प्राइवेट अस्पताल में दिखाया, जहां उसी दिन उसकी मौत हो गई। फिलहाल, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम इस जांच में जुटी है कि आखिर महिला की मौत किन कारणों से हुई, उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट की जाएगी।